रघुराम राजन का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, कहा- सभी शक्तियां PMO के अधीन होना ठीक नहीं
मोदी सरकार पर हमला करते हुए आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय सुस्ती के चंगुल में फंसी है। देश में सत्ता का केंद्रीकरण हो गया है, जहां पीएमओ के पास ही सारी शक्तियां हैं। मंत्रियों के पास कोई अधिकार नहीं हैं।
अर्थतंत्र और बिगड़ा; वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP घटकर हुई 5 प्रतिशत, 6 वर्षों में सबसे कम
भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सुस्ती के आंकड़ों को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों ने भी समर्थन दिया है। एनएसओ के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2019 के लिए भारत की वृद्धि दर एक बार फिर घटकर 5 प्रतिशत रह गई है।
अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मोदी सरकार का एक और दांव, 10 सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान
देश की गिरती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मोदी सरकार ने एक और नया दांव चला जिसके तहत वित्त मंत्री ने ढेर सारे बैंकों का एक साथ विलय करने का ऐलान कर दिया। इस विलय के बाद देश में सिर्फ 12 सरकारी बैंक बचेंगे, अभी तक यह संख्या 27 थी।
कोल माइनिंग में 100 फीसदी और डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26 फीसदी FDI को सरकार ने दिखाई हरी झंडी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोयला खनन क्षेत्र और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 100 फीसदी और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में भी 26 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी है। इसके अलावा सरकार ने देश में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखाई है।
देश को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए आरबीआई ने सरकार को दिए रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये
अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती के बीच आबीआई ने केंद्र सरकार को लाभांश और सरप्लस फंड के मद से रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय किया है। माना जा रहा है कि इस फंड से सरकार को लोककल्याणकारी योजनाओं की फंडिंग में मदद मिलेगी।
Slowdown से निपटने के लिए वित्त मंत्री ने किया ऐलान, बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये देगी सरकार
आर्थिक मंदी से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें।
मौजूदा आर्थिक मंदी से नीति आयोग भी घबराया, राजीव कुमार बोले- 70 सालों में नहीं हुआ ऐसा
भारत की मौजूदा आर्थिक हालात से नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी घबरा गए हैं। उन्हें भी अब कहना पड़ रहा है कि सरकार के लिए यह अप्रत्याशित स्थिति है। पिछले 70 सालों में ऐसा नहीं देखा गया जब कोई किसी पर यकीन नहीं कर रहा है।
टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर भी मंदी की मार; मिल्स एसोसिएशन निटमा ने अखबारों में एक पेज का दिया विज्ञापन
रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल के बाद अब टेक्सटाइल सेक्टर भी मंदी की चपेट में आ गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन निटमा को मंदी और रोजगार संकट की जानकारी अखबारों में विज्ञापन देकर बतानी पड़ रही है।
RBI ने जीडीपी विकास दर अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी किया
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो और रिवर्स रेपो दर में कटौती के अलावा सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी विकास दर का अनुमान भी घटाया है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इस अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए 5.8 से 6.6 फीसदी का जीडीपी ग्रोथ अनुमान जारी किया है।
ये है मोदी सरकार-2 का 'गरीबों का बजट' ; पेट्रोल और डीजल के दामों में उछाल, और बढ़ेगी महंगाई
मोदी सरकार-2 के पहले आम बजट (किसान और गरीबों का बजट!) में पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा उपकर बढ़ाए जाने के बाद शनिवार को पूरे देश में पेट्रोल का दाम न्यूनतम 2.40 रुपये और डीजल का दाम न्यूनतम 2.36 रुपये प्रति लीटर बढ़ गया। इससे महंगाई और बढ़ेगी।