Slowdown से निपटने के लिए वित्त मंत्री ने किया ऐलान, बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये देगी सरकार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : आर्थिक मंदी को लेकर नीति आयोग की भारी बेचैनी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस किया जिसमें ऐलान किया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें। वित्त मंत्री ने कहा कि रेपो रेट कम भी कम किए जाएंगे जिससे ब्याज दरें भी जुड़ेंगी और होम तथा कार लोन सस्ते होंगे। इसी तरह कर्ज की अर्जियां ऑनलाइन देखी जा सकेंगी। लोन सेटलमेंट की शर्तों को भी आसान बनाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को भी 30 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अब से 60 दिनों के अंदर जीएसटी का रीफंड मिलेगा। वहीं, लघु उद्योंगों को 30 दिन में जीएसटी का रीफंड मिलेगा। इसी तरह एमएसएमई ऐक्ट में उद्योंगों की एक ही परिभाषा होगी। डीमैट खातों में भी आधार की केवाईसी चलेगी। सरकारी काम के लिए भी वक्त पर पैसा जारी किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात हुई है। 31 मार्च 2020 तक खरीदी गईं बीएस फोर गाड़ियां अब मान्य होंगी। रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी भी जून 2020 तक टाल दी गई है।
देश के आर्थिक हालात पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी विकास दर दूसरों से बेहतर है। इस समय अमेरिका और जर्मनी के विकास दर में भी गिरावट देखने को मिल रही है। दुनिया भर के देश मंदी से जूझ रहे हैं। वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर संशोधित होकर मौजूदा अनुमान 3.2 प्रतिशत से नीचे जा सकती है। वैश्विक मांग कमजोर हो रही है। अमेरिका-चीन के व्यापार युद्ध का भी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमने श्रम सुधार किये हैं। आप पर्यावरण मंजूरी की हमारी रफ्तार देख सकते हैं। हमने टैक्स जमा करने की प्रक्रिया भी आसान बनाई है। सुधार की प्रक्रिया निरंतर जारी है। अब आपको कोई उत्साही अफसर तंग नहीं कर सकेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि जहां संदेह होगा, वहीं जांच होगी। 48 घंटे में जांच रिपोर्ट अपलोड की जाएगी। सरकार लोगों को तंग करे, ये बात बेमानी है। कंपनी एक्ट के तहत 14000 मामले वापस हुए हैं। इस दौरान वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कॉरपोरेट सोशल जवाबदेही कानून में ढील दी जाएगी। सीएसआर का उल्लंघन अपराध नहीं माना जाएगा। अब मामलों को लटकाकर नहीं रखा जा सकेगा। अब तक के नोटिस का निपटारा एक अक्टूबर तक होगा। वहीं, दूसरे मामलों का जवाब के तीन महीने के अंदर निपटारा होगा। वित्त मंत्री ने कैपिटल गेन पर सरचार्ज भी वापस लेने का ऐलान किया।