मोदी सरकार ने पेश किया अंतरिम बजट 2019; चुनाव से पहले सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने चुनावी साल में अपना आखिरी बजट (अंतरिम बजट) शुक्रवार को पेश कर दिया है। अरुण जेटली की अनुपस्थिति में एक बार फिर वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे पीयूष गोयल ने इस बजट को संसद में पेश किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए कई घोषणाएं कीं। बजट भाषण की शुरुआत में पीयूष गोयल ने कहा, मैं गर्व से कह सकता हूं कि भारत पूरी मज़बूती से वापस विकास-पथ पर लौट आया है और समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने 2022 तक ‘नया भारत’ बनाने का वादा करते हुए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कई घोषणाएं कीं। चुनावी साल को देखते हुए इस बजट में गांव, गरीब, किसानों, मजदूरों और नौकरीपेशा वर्ग के लिए कई घोषणाएं की गईं हैं। इसमें लंबे समय से मांग की जा रही आयकर छूट की सीमा भी शामिल हैं।
कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए लोकसभा को बताया कि 2009-2014 के बीच महंगाई की औसत दर 10.1 फीसदी थी और एनडीए सरकार में यह घटकर 4.6 फीसदी पर आ गई है। गोयल ने करदाताओं की संख्या में 80 फीसदी बढ़ोतरी का दावा करते हुए ईमानदार करदाताओं का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये का टैक्स मिला जबकि 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने टैक्स फाइल किया। वित्त मंत्री ने उज्ज्वला योजना में 6 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाने का दावा किया और कहा कि 70 फीसदी मुद्रा लोन महिलाओं को मिले। गोयल ने कहा कि यह साल भारतीय रेल लिए सबसे सुरक्षित साल रहा। वहीं उन्होंने देश में सभी ब्रॉडगेज लाइन से मानवरहित क्रॉसिंग खत्म किए जाने का भी दावा किया।
जैसे ही अंतरिम बजट में कर दाताओं को पांच लाख रुपये तक की सालाना आय को कर के दायरे से बाहर रखने के प्रस्ताव की घोषणा की, शेयर बाजारों में जोरदार तेजी दर्ज की गई। इस दौरान वाहन, एफएमसीजी और पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में अच्छी तेजी दर्ज की गई। दोपहर के आसपास सेंसेक्स 390.35 अंकों या 1.08 फीसदी की तेजी के साथ 36,647.04 अंकों पर कारोबार कर रहा था, जबकि पिछले सत्र में यह 36,256.69 पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी लगभग इसी समय पिछले सत्र की तुलना में 102.70 अंकों या 0.95 फीसदी की तेजी के साथ 10,933.65 पर कारोबार कर रहा था।
बड़े करीने से गरीबों की जेब पर सरकार का डाका
कहने को तो पहली नजर में यही दिखता है कि बजट में किसानों, मजदूरों और आम आदमी को साधने की सरकार ने पुरजोर कोशिश की है। लेकिन बड़े की करीने से सरकार ने गरीबों की जेब पर डाका डालने की कोशिश की है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मनधन’ योजना की घोषणा भी की, जिससे असंगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये तक की मासिक आय प्राप्त करने वाले कामगारों को 60 साल की उम्र के बाद 3,000 रुपये प्रति माह की मासिक पेंशन दी जाएगी। गोयल ने कहा कि इस योजना से 10 करोड़ कामगारों को लाभ होगा जो कि असंगठित क्षेत्र के लिए अगले पांच सालों तक विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना होगी। मेगा पेंशन योजना से असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों को लाभ होगा जिसमें घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, कृषि मजदूर और बीड़ी मजदूर शामिल हैं। इस योजना के तहत कामगारों को 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। इस योजना में कोई भी मजदूर 29 साल की उम्र तक शामिल हो सकता है और उसे 100 रुपये प्रतिमाह जमा कराने होंगे, जबकि जो मजदूर इसमें 18 साल की उम्र में शामिल होंगे, उसे 55 रुपये प्रति माह जमा कराने होंगे।
टैक्स से संबंधित प्रमुख घोषणाओं में कहा गया है कि करदाताओं को पांच लाख की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है। कोई करदाता अगर प्राविडेंट फंड जैसी स्कीम में निवेश करता है तो उसे 6.5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. आयकर रिटर्न की प्रक्रिया 24 घंटे में पूरी होगी और तुरंत ही रिटर्न का भुगतान होगा।
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि नीति आयोग के तहत एक समिति का गठन किया गया है जो घूमंतु और अर्ध-घुमंतू समुदायों की पहचान करने के काम को पूरा करेगी, जो अभी तक वर्गीकृत नहीं हैं। मंत्री ने कहा कि इन समुदायों की सेवा के लिए विशेष रणनीति तैयार की जाएगी।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में रेलवे को 64,587 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उन्होंने कहा, ब्रॉड गेज नेटवर्क के सभी मानव रहित क्रासिंग को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। इंजनरहित ट्रेन18 के विनिर्माण के बारे में उन्होंने कहा, वंदे भारत एक्सप्रेस स्पीड, सुरक्षा और सेवा के मामले में विश्वस्तीय सेवा मुहैया कराएगी. हमारे इंजीनियरों द्वारा विकसित यह बड़ी सफलता है, जो मेक इन इंडिया कार्यक्रम को गति प्रदान करेगी और रोजगार पैदा करेगी।
उन्होंने आगे कहा, वास्तव में रेलवे का कुल पूंजीगत खर्च 1,58,658 करोड़ रुपये रहेगा, जो ऐतिहासिक है। गोयल ने यह भी कहा कि रेलवे का परिचालन अनुपात कम होकर वित्त वर्ष 2019-20 में 95 फीसदी रहेगा, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह 96.2 फीसदी था।
सरकार ने शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु, छोटे और मध्यम उद्यमों (एमएसएमईज) को 1 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर 2 फीसदी ब्याज सब्सिडी देने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा, सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई कदम उठाएं हैं देश में करोड़ों लोगों को नौकरियां प्रदान की हैं. हमने हाल में 1 करोड़ रुपये का कर्ज महज 59 मिनट में हासिल करने की सुविधा का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, सभी एमएसएमई इकाइयां जो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत होगी, उन्हें अब 1 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर 2 फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी। गोयल ने कहा कि सरकार ने सरकारी खरीद में एमएसएमई की हिस्सेदारी को सरकारी ईमार्केटप्लेस (जीईएम) के माध्यम से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया है, जिसमें महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे एमएसएमई का 3 फीसदी शामिल है।
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक रखा गया है, जो अब तक किसी भी साल की तुलना में सबसे अधिक है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, हमारे सैनिक सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं, जिन पर हमें गर्व है। सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन अवधारणा लागू की है और अब तक 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण कर चुकी है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
सालाना 6000 रुपये की आमदनी सहायता की मदद से मोदी सरकार ने किसानों को खुश करने का बड़ा और आखिरी दाव चला है। आगामी चुनावों के मद्देनज़र ये सरकार का मास्टरस्ट्रोक भी माना जा सकता है। हाल में छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश की चुनावी हार के पीछे किसानों की नाराज़गी को एक बड़ा कारण माना गया था। किसानों की सहायता के लिए इस योजना में 6000 करोड़ रुपये का खर्च होगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जो कि पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा पोषित की जायेगी, इसके तहत छोटे किसानों को जिनके पास 2 हेक्टेयर तक ज़मीन है उनके खातों में सरकार सीधा पैसा भेजेगी। किसानों के खाते में 6000 रुपये हर साल तीन किस्तों में सीधा उनके बैंक खातों में जाएगा। पहली किस्त 31 मार्च 2019 तक किसानों के खातों में डाल दी जाएगी। इसका फायदा 12 करोड़ किसान परिवारों को मिलेगा। इसे 1 दिसंबर 2018 से लागू किया गया है। ये योजना तेलंगाना सरकार की रायथु बंधु या ओडिशा की कालिया योजना से मिलती जुलती है। सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने के लक्ष्य को पूरा किये जाने का भी लक्ष्य रखा है। किसानों पर विशेष फोकस करते हुए मोदी सरकार ने अपने अंतिम बजट में घोषणा की कि केंद्र गायों के कल्याण के लिए ‘कामधेनु योजना’ स्थापित करेगा।
मोदी सरकार के आखिरी बजट की मुख्य बातें क्या हैं:
- आयकर छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है। वहीं, अगर आप निवेश करते हैं तो 6.5 लाख रुपये की राशि पर छूट का लाभ ले सकते हैं। सरकार का दावा है कि इसके तहत सीधे-सीधे तीन करोड़ लोग लाभांवित होंगे। हालांकि साल 2019-20 में इनकम टैक्स की मौजूदा दरें ही रहेंगी। नई छूट का लाभ 2020-21 से लागू होगा।
- बैंक या पोस्ट ऑफिस में की गई डिपॉजिट पर मिलने वाले 40 हजार रुपये तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं कटेगा।
- वेतनभोगी तबके के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया।
- रक्षा बजट को बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा।
- मनरेगा के लिए 60 हजार करोड़ रुपये की घोषणा।
- वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय गोकुल योजना शुरू करने का किया ऐलान, 750 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
- आपदा प्रभावित लोगों को ब्याज में 5 फीसदी की छूट की घोषणा।
- ग्रैच्यूटी भुगतान सीमा 10 लाख से 20 लाख करने की घोषणा।
- हादसे की स्थिति में ईपीएफओ की बीमा राशि 6 लाख रुपये हुई।
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मौत पर मुआवजा राशि को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने की घोषणा।
- घुमंतू समुदाय की पहचान कहने का काम नीति आयोग करेगी। उनके लिए कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा।
- अगले पांच साल में 1 लाख डिजिटल गांव बनाने की घोषणा।
- दूसरा मकान खरीदने पर टैक्स में राहत।
- गांव की सड़कों के लिए 19 हजार करोड़ रुपये दिए जाने का ऐलान।
- पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट।
- पशुपालन के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड।