पेटीएम की FIR पर बोले केजरी- अब केन्द्र कंपनी की जेब में
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: शायद अपनी तरह का ये अनोखा मामला है कि केन्द्र अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने एक प्राइवेट कम्पनी की शिकायत पर रपट दर्ज कर ली हो। अब इस पर सियासी पारा चढ़ना लाजिमी है। सो सबसे पहले इसके खिलाफ मोर्चा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ही खोला है। दरअसल इसके घेरे में डिजिटल वॉलेट कम्पनी पेटीएम है।
डिजिटल वॉलेट कंपनी पेटीएम के साथ 6 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया। जिसके बाद कंपनी की शिकायत पर शुक्रवार को सीबीआई ने दिल्ली के 48 उपभोक्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया। अब यही एक मुद्दा बन गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर मोदी सरकार और सीबीआई को आड़े हाथों लिया। केजरी ने तंज किया है, 'जब मोदीजी खुद पेटीएम के एड में आ गए हैं तो अब केंद्र सरकार उसकी जेब में है। सीबीआई की हिम्मत नहीं कि कंपनी के ऑर्डर को न माने।'
जब मोदी जी ख़ुद PayTM के ad में आ गए तो अब तो मोदी सरकार PayTM की जेब में है। CBI की हिम्मत नहीं कि PayTM के ऑर्डर को ना माने। https://t.co/tC0sKA6xzX
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 16, 2016
मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो यह हैरानी की बात है कि किसी कंपनी की शिकायत पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली। आमतौर पर वह केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट या किसी हाईकोर्ट के ऑर्डर पर ही केस दर्ज करती है।
इस मामले में सीबीआई ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी, गोविंदपुरी और साकेत में रहने वाले 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पेटीएम की पैतृक कम्पनी One97 कम्युनिकेशन के एक अधिकारी समेत कुछ और लोगों पर भी केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि 48 उपभोक्ताओं ने गैरकानूनी तरीके से पैसा अपने बैंक अकाउंट और ई-वॉलेट में रिफंड किया है।
इस पर कंपनी के विधि प्रबंधक एम. शिवकुमार ने शिकायत में बताया कि कंपनी किसी उपभोक्ता को मिले खराब उत्पाद के हर्जाने के रूप में भुगतान करती है। वह उत्पाद उपभोक्ता से वापस लेकर मर्चेंट के पास भेजा जाता है। यह पूरी प्रक्रिया कंपनी के कुछ चुनिंदा ग्राहक सेवा अधिकारी के जरिए होती है। जिन्हें खास आईडी और पासवर्ड दिए जाते हैं।
शिकायत के मुताबिक, 48 मामलों में सामने आया कि उपभोक्ताओं को सामान की आपूर्ति हो गई, इसके बावजूद उन्हें रिफंड किया गया। मतलब कि उपभोक्ताओं को उनके ऑर्डर का सामान और रिफंड दोनों मिल गया। कंपनी को लगता है इसमें गड़बड़ी हुई है और उपयोगकर्ताओं ने जानबूझकर कंपनी को 6.15 लाख का चूना लगाया।
गौरतलब है कि नोटबंदी के आदेश के बाद पेटीएम की उपयोगिता बढ़ी है। प्रधानमंत्री की कैशलेस मुहिम को इससे काफी हद फायदा मिला है। उपयोगकर्ताओं की तादाद बढ़ी है। नोटबंदी के बाद पेटीएम को मिले फायदे से 2016 में कंपनी का लक्ष्य 4 महीने पहले ही पूरा हो चुका है।
कैशलेस इकोनॉमी मुहिम को बढ़ाने की कवायद में लगी सरकार के लिए ये खबर किसी झटके से कम नहीं है। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आये हैं जिसमें कभी ग्राहकों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की खबरें आती हैं तो कभी कंपनियों को चूना लगाने की।
हाल ही में चिपसेट मेकर कंपनी क्वालकॉम ने कहा था कि भारत में कोई भी मोबाइल ऐप सुरक्षित नहीं है। कंपनी का कहना है कि भारत में कोई भी ई-वॉलेट और मोबाइल बैंकिंग ऐप्लिकेशन हार्डवेयर लेवल सिक्योरिटी का इस्तेमाल नहीं करता है जिससे ऑनलाइन लेन-देन को अधिक सुरक्षित रखा जा सके।