सीईए अरविंद सुब्रमण्यन को मिला सेवा विस्तार, गिनाईं कई चुनौतियां
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन को एक साल का सेवा विस्तार दिया है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, सुब्रमण्यन अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद एक साल और इस पद पर बने रहेंगे। उनका कार्यकाल 16 अक्टूबर को समाप्त हो रहा था। वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुख्य सलाहकार के रूप में सुब्रमण्यन प्रमुख सुधारवादी नीतियों के लिए सुझाव देते हैं।
कार्यकाल बढ़ाए जाने के तुरंत बाद अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इससे विभिन्न मोर्चों पर निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ रही है और निवेश नहीं बढ़ रहा है। इसलिए हमें वृहद आर्थिक स्थिरता बनाये रखते हुए एक साथ कई मोर्चों (विनिमय दर, सार्वजनिक निवेश) पर इससे निपटना होगा। उन्होंने कहा कि फंसे कर्ज की समस्या भी प्रमुख चिंता का विषय है।
रुपये में मजबूती पर सुब्रमण्यन ने कहा कि सभी उभरती अर्थव्यवस्थाएं इस समस्या का सामना कर रही हैं। पूंजी प्रवाह बढ़ने से विनिमय दर पर दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सभी देश इस चुनौती से जूझ रहे हैं। विभिन्न देश अपनी वहन क्षमता और लक्ष्य के आधार पर कदम उठा रहे हैं। रिजर्व बैंक इस मामले में रुपये में मजबूती पर अंकुश लगाने को लेकर यह करता रहा है।
सुब्रमण्यन ने कहा कि रुपये की विनिमय दर में जनवरी और अप्रैल के दौरान बड़ी वृद्धि हुई, जिससे निर्यात और आयात प्रभावित हुए। रिजर्व बैंक पिछले तीन महीने में विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप करता रहा है। उन्होंने आने वाले समय में विदेशी विनिमय दर में कमी को लेकर उम्मीद जतायी।
प्रोत्साहन पैकेज पर मुख्य आर्थिक सलाहकार सुब्रमण्यन ने कहा कि इस पर काम किया जा रहा है और उपयुक्त समय पर इसकी घोषणा की जायेगी। ऐसी अटकलें हैं कि सरकार आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए बिजली और रेलवे समेत विभिन्न क्षेत्रों को बड़ा प्रोत्साहन पैकेज देने की योजना बना रही है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 फीसदी रही, जो तीन साल का न्यूनतम स्तर है।