उर्जित को 'नई कुर्सी' के पीछे 'कॉरपोरेट' तो नहीं?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर के रूप में उर्जित पटेल के नाम की घोषणा कर दी है। पटेल मौजूदा गवर्नर रघुराम राजन की जगह लेंगे। उर्जित पटेल को जुलाई 2013 में रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर बनाया गया था और इसी साल जनवरी में उनके कार्यकाल को और तीन साल के लिए बढ़ाया गया था।
उर्जित पटेल लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएट हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड और येल यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा हासिल की है। बावजूद इसके मोदी सरकार द्वारा आरबीआई प्रमुख के तौर पर पटेल के नाम की घोषणा करने के साथ ही सियासी गलियारों में इस बात की गूंज तेज हो गई है कि इसके पीछे कॉरपोरेट जगत का दखल है।
रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रोफाइल के अनुसार रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर नियुक्त होने से पहले पटेल रिलायंस इंडस्ट्रीज़ में प्रेसिडेंट (बिजनेस डेवलपमेंट) और आईडीएफसी में कार्यकारी निदेशक थे। आरबीआई जॉइन करने से पहले वह बोस्ट कंसल्टिंग ग्रुप में अमेरिकी थिंक टैंक के तौर पर फाइनेंशियल एडवाइजर के तौर पर एक दशक तक काम कर चुके हैं।
मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि उर्जित के रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी से करीबी रिश्ते हैं और उन्हीं की सिफारिश पर उन्हें रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया है| सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि उर्जित पटेल रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट रहे हैं। वह मुकेश अंबानी के खास आदमी हैं। यूं कह लीजिए कि उर्जित मुकेश अंबानी के दूत हैं जिनके हाथ में अब देश की समूची बैंकिंग व्यवस्था सौंपी जा रही है।
इससे पहले उर्जित पटेल गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम के भी निदेशक रहे हैं। आरोप यह भी है कि तब उन्होंने अपनी पहुंच का फायदा उठाते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाया था। उसके बाद ही मुकेश अंबानी ने खुश होकर उन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रेसिडेंट नियुक्त किया था।
उर्जित पर केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी से करीबी रिश्ते रखने का ही आरोप नहीं है। उन पर देश के कई बड़े घोटालों के आरोपी जिग्नेश शाह से भी नजदीकी रिश्ते रखने का आरोप है। मुंबई के उद्योगपति केतन शाह के मुताबिक उर्जित पटेल देश के कई बड़े स्कैम के आरोपी जिग्नेश शाह के नजदीकी हैं।
केतन शाह ने खुलासा किया कि उन्होंने अरबों रूपए के घोटाले को लेकर इस सिलसिले में मुंबई की अदालत में मामला भी दर्ज किया है। केतन शाह ने अपनी बात साबित करने के लिए कुछ दस्तावेज भी सार्वजनिक किए हैं। इसके मुताबिक जिग्नेश शाह की कंपनी एमसीएक्स इंडिया लिमिटेड ने निवेशकों की गाढ़ी कमाई लूट ली थी। उर्जित पटेल इस कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य थे।