राजनीतिक स्थिरता का असर बाजार पर भी, विदेशी निवेश बढ़ा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भाजपा के खाते में विदेशी निवेशकों का भरोसा भी डाल दिया है। अप्रत्याशित बहुमत से उत्साहित विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड स्तर पर निवेश किया है। नतीजे सामने आने के बाद भारतीय इक्विटी और ऋण मार्केट में फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टर पर नजर डालें तो कुल 54,255 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है जो किसी भी महीने में हुए निवेश की तुलना में अब तक सबसे ज्यादा है।
इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निवेश की गई सबसे ज्यादा रकम जुलाई 2014 में 36,045 करोड़ रुपये थी। बीते मंगलवार (28 मार्च) तक डेब्ट और इक्विटी मार्केट में अभी तक का सबसे ज्यादा विदेशी निवेश हुआ है। विदेशी निवशकों द्वारा इक्विटी मार्केट में कुल 30,203 करोड़ रुपये निवेश किए गए और डेब्ट मार्केट में 24,051.9 करोड़ रुपये की रकम का निवेश किया।
मोदी लहर और राजनीतिक स्थिरता का असर
इसे विशेषज्ञ मोदी लहर की असर मान रहें हैं। इससे पहले सबसे ज्यादा निवेश इक्विटी मार्केट में साल 2010 में सबसे ज्यादा निवेश 28,563 करोड़ रुपये का था वहीं मोदी के सत्ता पर काबिज होने के दो महीने बाद ही यानी जुलाई 2014 में ऋण बाजार में 22,935 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
हाल ही में हुए 54,255 करोड़ रुपये के निवेश पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। नए निवेश को देखते हुए मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि चुनाव नतीजों ने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया है। राज्य और केंद्र में किसी एक पार्टी की सरकार होने से निवेशकों को राजनीतिक स्थिरता दिखाई दे रही है जिससे निवेशकों का रिफॉर्म्स में विश्वास बढ़ा है।