टाटा ग्रुप मिस्त्री की सभी कंपनियों से तोड़ेगा नाता
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: देश के बेहद संजीदा और नामी कॉरपोरेट हाउस के तौर पर मशहूर टाटा ग्रुप में पिछले एक साल से अंदरुनी राजनीति सरेआम होती रही है। साइरस मिस्त्री इसके केन्द्र में रहें हैं। अब ग्रुप ने एन चंद्रशेखरन की अगुवाई में एक और अहम फैसला लिया है, जो मिस्त्री के खिलाफ होगा। टाटा ग्रुप जल्द ही साइरस मिस्त्री की कंपनियों से पूरी तरह नाता तोड़ सकता है।
सूत्रों के अनुसार ग्रुप की मुख्य कंपनी टाटा संस के डायरेक्टर ग्रुप की नौ अगस्त को हुई बैठक के दौरान इस बाबत फैसला लिया जा चुका है। टाटा संस के सूत्रों ने बताया है कि इस बैठक के बाद चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने समूह की सभी कंपनियों को साइरस मिस्त्री के ग्रुप से नाता तोड़ने का निर्देश भी ज़ारी कर दिया है।
सूत्र यह भी बताते हैं कि ईमेल के ज़रिए भेजे गए निर्देशों में समूह की सभी कंपनियों से कहा गया है कि वे एसपी ग्रुप के साथ सभी तरह की साझेदारी व लेन-देन तुरंत ख़त्म कर दें। इसी 14 तारीख को मिले इन निर्देशों के बाद समूह की सभी कंपनियों ने ज़रूरी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। यह निर्देश वोल्टास और ट्रेंट जैसी ग्रुप की छोटी कंपनियों को भी भेजे गए हैं जिनके प्रमुख रतन टाटा के सौतेले भाई और मिस्री के जीजा नोएल हैं।
बताया जा रहा है कि यह फैसला साइरस मिस्त्री और उनके सहयोगियों की ओर से टाटा समूह के ख़िलाफ लगातार की जा रही बयानबाजी के मद्देनज़र हुआ है। साइरस और उनके बड़े भाई शपूर मिस्त्री एसपी (शपूरजी पलोनजी) ग्रुप लगभग 50 कंपनियों के मालिक हैं। एसपी ग्रुप की टाटा ग्रुप में 18.4 फीसदी की हिस्सेदारी है। टाटा समूह ने इन कंपनियों से रिश्ता तोड़ा तो उसे सैकड़ों करोड़ रुपए की इस हिस्सेदारी से भी हाथ धोना पड़ेगा।