'कुछ हठी लोगों की सनक' से निपटना जरूरी
किरण राय
अर्जुन सिंह मेमोरियल लेक्चर में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में बहुलवाद और सहिष्णुता के खिलाफ कुछ हठी लोगों की सनक पर जिस तरह से सवाल उठाए हैं उसपर देश के हर नागरिक को गौर करना चाहिए। ये मुट्ठीभर लोग देश और समाज में असहिष्णुता फैलाकर सांप्रदायिकता का बीज बो रहे हैं और देश को बांटने की हर नापाक कोशिश में जुटे हैं। दरअसल बीते कुछ वर्षों में धर्म और संप्रदाय के नाम पर राजनीति चमकाने और देश में अराजकता फैलाने का एक खतरनाक खेल देश के अंदर खेला जा रहा है। राष्ट्रपति ने अपने व्याख्यान में इस खतरनाक खेल की तरफ इशारा करते हुए अपनी बात देश के समक्ष रखी है जिसपर समय रहते निपटना जरूरी है।
महामहिम ने बहुलवाद एवं सहिष्णुता को भारतीय सभ्यता का प्रतीक और विविधता को एक मजबूत तथ्य बताते हुए इस बात की गंभीर चेतावनी दी है कि कुछ हठी लोगों की सनक की वजह से इसे कल्पना में नहीं बदलने दिया जा सकता। उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों से सतर्क रहने को भी कहा जो कहीं भी अपना सिर उठा सकते हैं। राष्ट्रपति ने अपने प्रतीकात्मक संदेश में कहा कि एक बहुलवादी लोकतंत्र में नागरिकों और खासकर युवकों के मन में सहिष्णुता के मूल्य, विपरीत विचारों का सम्मान और धैर्य स्थापित करना महत्वपूर्ण है। वह इसलिए कि बहुलवाद और सहिष्णुता हमारी सभ्यता के प्रतीक रहे हैं। यह मुख्य दर्शन है जिसे निर्बाध जारी रहना चाहिए। क्योंकि, भारत की मजबूती उसकी विविधता में है।
महामहिम का कहना है कि भारत एक तमाम विचारधाराओं वाले 1.30 अरब लोगों, 122 भाषाओं, 1,600 बोलियों और 7 धर्मों का देश है। इसे कुछ लोगों की सनक और पागलपन के चलते कल्पनाओं में बदला नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तौर पर कई तरह के मतभेद हो सकते हैं। हम तर्क दे सकते हैं। हम सहमत नहीं हो सकते हैं। लेकिन हम कई तरह के मतों के अस्तित्व को नकार भी नहीं सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो हमारी सोचने की प्रक्रिया का एक बुनियादी चरित्र ही खत्म हो जाएगा।
बहरहाल, बड़ा सवाल यह कि यह सब कैसे संभव है? निश्चित रूप से 'कुछ हटी लोगों की सनक' के खिलाफ हम सबको निकलकर आगे आना होगा। जैसे भ्रष्टाचार कोई एक व्यक्ति नहीं मिटा सकता, किसी एक व्यक्ति के स्वच्छता अभियान में हाथ बंटाने से भारत स्वच्छ नहीं हो सकता ठीक उसी तरह से कोई एक व्यक्ति इस सनक के खिलाफ मैदान जीत ले, संभव नहीं है। यह हम सबकी, देश, समाज, सरकार, प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि देश के अमन और चैन में जो दखलंदाजी देगा उसे नहीं बख्शा जाएगा। तुरंत उसे कानून के हवाले कर दिया जाएगा।