100 दिन सरकार के : निवेशकों के डूबे 12.5 लाख करोड़
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने 100 दिन पूरे कर लिए हैं। और 30 मई, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद पहले 100 दिन के भीतर निवेशक 12।5 लाख करोड़ रुपये गंवा चुके हैं। सोमवार को बाज़ार बंद होने के वक्त बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों की बाज़ार पूंजी या उनका बाज़ार मूल्य 1,41,15,316।39 करोड़ रुपये था, जबकि मोदी सरकार के सत्ता संभालने से एक दिन पहले यह बाज़ार मूल्य 1,53,62,936।40 करोड़ रुपये था।
30 मई से अब तक BSE का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 5।96 प्रतिशत, या 2,357 अंक लुढ़क चुका है, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के संवेदी सूचकांक निफ्टी 50 में 30 मई से अब तक 7।23 प्रतिशत, या 858 अंक की गिरावट दर्ज की गई है।
विश्लेषकों के अनुसार, शेयर बाज़ारों में गिरावट की वजह आर्थिक वृद्धि की धीमी रफ्तार के अलावा विदेशी फंडों का देश से बाहर जाना और कॉरपोरेट की कम कमाई भी शामिल है।
भारतीय बाज़ारों में विदेशी निवेशक बिकवाल हो गए हैं। बिकवाली का दबाव उस समय बढ़ा, जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में पेश किए गए NDA सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में विदेशी निवेशकों पर भी सुपर-रिच टैक्स लागू कर दिया, हालांकि इस टैक्स को लगभग एक महीने बाद वापस ले लिया गया था।
नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड (NSDL) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) सरकार गठन के बाद से अब तक 28,260।50 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा एकत्र किए जाने वाले सभी सेक्टरों के सूचकांकों में, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडेक्स को छोड़कर, पिछले 100 दिनों में नकारात्मक रिटर्न ही देखने को मिली है, और निफ्टी का PSU बैंक इंडेक्स तो 26 प्रतिशत गिरा है। पिछले महीने सरकार ने सरकारी बैंकों के बड़े स्तर पर विलय की घोषणा की थी, और अब सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों की संख्या 12 हो जाएगी।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार गतिरोधों के बढ़ने से धातु (मेटल) इंडेक्स में 20 फीसदी की गिरावट आई है। विश्लेषकों का कहना है, एन्टी-डंपिंग ड्यूटी के बावजूद चीन सस्ता स्टील बेच रहा है, जिससे घरेलू धातु कंपनियों को नुकसान हो रहा है।