नेतृत्व परिवर्तन से शाह का इनकार, बोले- पीएम मोदी की अगुवाई में ही लड़ेंगे 2019 का चुनाव
सत्ता विमर्श ब्यूरो
मुंबई : मिशन 2019 के लिए बुधवार को अमित शाह ने नेतृत्व में बदलाव की बात को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया और कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही 2019 का चुनाव लड़ेगी। बुधवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा- नेतृत्व में बदलाव का तो प्रश्न ही नहीं उठता है।
मिशन 2019 में नेतृत्व परिवर्तन का सवाल और अमित शाह का जवाब इसलिए अहम है क्योंकि महाराष्ट्र के प्रमुख किसान नेता व वसंतराव नाईक शेटी स्वावलंबन मिशन (वीएनएसएसएम) के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव भैयाजी सुरेश जोशी को पत्र लिखा था कि अगर भाजपा 2019 का चुनाव जीतना चाहती है तो 'अहंकारी' मोदी को हटाकर 'विनम्र' नितिन गडकरी को उनकी जगह ले आए।
अमित शाह ने एक पत्रकार के सवाल पूछने पर सवालिया लहजे में पलटवार करते हुए कहा, 2014 में छह राज्यों में भाजपा की सरकार थी और अब 16 राज्यों में है। तो आप बताएं कि कौन जीतेगा? भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य और केंद्र में चुनाव अलग-अलग मुद्दें पर लड़े जाते हैं और 2019 के आम चुनाव देश के मुद्दे पर लड़े जाएंगे। शाह ने कहा कि महागठबंधन का कोई अस्तित्व नहीं है, यह एक भ्रांति है। देश के लोगों को आज मजबूर नहीं, मजबूत सरकार चाहिए।
अमित शाह ने कहा, 'देखिए, महागठबंधन के राजनैतिक दल केवल अपने-अपने राज्यों तक सीमित हैं। मध्यप्रदेश में चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र में ममता दीदी कितना प्रभाव डाल सकती हैं? महागठबंधन के राजनैतिक दल दूसरे राज्यों में प्रभाव नहीं डाल पाएंगे। हम 2014 के चुनाव में इन सभी दलों को हराकर सत्ता में आए थे। नॉर्थ ईस्ट राज्यों में कांग्रेस साफ़ हो चुकी है।'
उन्होंने कहा कि अगले आम चुनाव में भी भाजपा अच्छा प्रदर्शन करने जा रही है। चुनाव हमारे लिए सिर्फ सरकार बनाने का जरिया नहीं है। हम चुनाव को लोक संपर्क का एक माध्यम मानते है। राज्यों के चुनाव अलग मुद्दों पर लड़े जाते हैं और लोकसभा के चुनाव अलग मुद्दों पर। 2019 का चुनाव 2014 से पहले और बाद का भारत के मुद्दे पर होने जा रहा है। देश की जनता को मज़बूत सरकार चाहिए या मज़बूर सरकार चाहिए।'
कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने बताया कि राजा-महाराजाओं के राज में लोकतंत्र नहीं होता था। तब राजा का बेटा ही सिंहासन का उत्तराधिकारी होता था। फिर चाहे बेटे में राजा बनने की काबिलियत हो या नहीं। आज भी कई पार्टियों में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है, जहां पार्टी अध्यक्ष का बेटा ही अगला अध्यक्ष बनता है। उन्होंने कहा कि आज भी देश में दो दर्जन से ज्यादा पार्टियां ऐसी हैं। लेकिन भाजपा ने इस रीत को तोड़ा है, इसका फायदा हमें मिला है। 2019 में भाजपा पहले से ज्यादा सीट लेकर सत्ता में आएगी।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा काफी अहम रहा है। कांग्रेस पार्टी ने किसानों के कर्ज माफी का ऐलान भी कर दिया है। इस पर अमित शाह ने कहा, 'कृषि कर्ज की माफ़ी के नाम पर कांग्रेस किसानों को भ्रमित कर रही है। पंजाब और कर्नाटक में भी ऐसा ही किया था। यहां भी कुछ ऐसा ही हाने जा रहा है।' तीन तलाक पर शाह ने कहा कि यह एक सोशल रिफॉर्म का मुद्दा है, मुस्लिम महिलाओं को उनके कानूनी अधिकार दिलाने का मुद्दा है। तीन तलाक मुद्दे पर हम दृढ़ता के साथ आगे बढ़ेंगे। जहां तक राम मंदिर का मुद्दा है तो हम इस बात पर आज भी कायम हैं कि अयोध्या में उसी स्थान में भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।