व्हाट्सएप जासूसी कांड : कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, पूछा- किसने कराई प्रियंका गांधी की जासूसी?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : व्हाट्सएप जासूसी कांड को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भी व्हाट्सएप की ओर से स्पाईवेयर से जुड़ा एक संदेश मिला है। जो फोन हैक किए गए, जब उन पर व्हाट्सएप ने मैसेज भेजा तो ऐसा ही मैसेज प्रियंका गांधी को भी मिला।
रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार को इस मामले की जांच करानी चाहिए और मामले पर सख्त एक्शन लेना चाहिए। भाजपा को भारतीय जासूस पार्टी करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पिगासस स्पाइवेयर के जरिए फोन टैप किए गए और सरकार को इसकी जानकारी थी। सरकार को मई 2019 से इसकी जानकारी थी। सूत्रों के मुताबिक, व्हाट्सएप ने सरकार को सितंबर में बताया था कि 121 भारतीयों को इजरायली सॉफ्टवेयर पिगासस के जरिये निशाना बनाया गया। लेकिन सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि मैसेजिंग एप से पहले जो जानकारी मिली थी, वह अधूरी और अपर्याप्त है।
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोदी सरकार पर पांच सवाल पूछे...
1. क्या सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नागरिकों और राजनेताओं की जासूसी करा रही थी?
2. क्या सरकार को मई 2019 से अवैध स्पाईवेयर की जानकारी थी?
3. क्या जो लोग सत्ता में बैठे हैं वे इस अपराध के दोषी नहीं?
4. जब सरकार को इसके बारे में अप्रैल 2019 में जानकारी थी तो इसे सीक्रेट क्यों रखा गया?
5. जिन मंत्रियों और अफसरों ने टेलीग्राफ एक्ट और आईटी एक्ट के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया, उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा?
इससे पहले शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसियां उनका फोन टेप कर रही हैं और उनके पास इसका पूरा सबूत है। ममता ने कहा कि उनकी सरकार इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि सरकार निजता का उल्लंघन कर रही है। अब कुछ भी सुरक्षित नहीं है, व्हाट्सएप भी नहीं, पहले हम सोचा करते थे कि व्हाट्सएप से जासूसी नहीं की जा सकती है, लेकिन अब व्हाट्सएप को भी छोड़ा नहीं गया, मैं चाहती हूं कि पीएम नरेंद्र मोदी इस बात की जांच करवाएं। ममता ने कहा कि सभी आईएएस/आईपीएस अधिकारी और राजनेताओं के फोट टेप किए जा रहे हैं। यह केंद्र और दो राज्य सरकारों के इशारे पर हो रहा है, मैं राज्यों का नाम नहीं लूंगी, लेकिन ये दोनों भाजपा शासित राज्य हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी व्हाट्सएप की प्राइवेसी में सेंध को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि नागरिकों की प्राइवेसी की रक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि इजराइल के सिक्योरिटी फर्म्स पर सरकार की कड़ी निगरानी रहती है। ऐसे बोर्ड्स और फर्म्स में सरकार के प्रतिनिधि बैठते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच प्यार एकतरफा लग रहा है। इजराइली सरकार हमारी मदद करने नहीं जा रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद को टैग करते हुए एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि आपने कहा था कि आप एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। आप आर्थिक मंदी और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बयान को वापस ले चुके हैं। इसलिए पूरी सवेंदनशीलता के साथ मैं आपसे सवाल करना चाहता हूं कि देश में क्या हो रहा है। इस पूरे मामले में सरकार की जानकारी और शामिल होने की हद क्या है? एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा, जेंटल रिमाइंडर, गोपनीयता एक मूलभूत अधिकार है। यह आपकी जिम्मेदारी है इसे प्रोटेक्ट करें, गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन न होने पाए।
मालूम हो कि इजरायली कंपनी के द्वारा पिगासस नाम के स्पाईवेयर का जिक्र करते हुए ओवैसी ने रविशंकर प्रसाद से कहा कि यह सही है कि पांच सर्विस प्रोवाइडर पिगासस द्वारा खरीदे गए। क्या आप व्हाट्सएप पर पूरे मामले की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करेंगे? क्या आप सर्विस प्रोवाइडर्स के नाम का खुलासा करेंगे जिसके बाद एफआईआर दर्ज हो सके।