अरविंद केजरीवाल का ऐलान- महागठबंधन में शामिल नहीं होगी 'आप'
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: 2019 आम चुनावों में आम आदमी पार्टी भाजपा के खिलाफ विपक्षी खेमे के साथ गठबंधन नहीं करेगी। अपनी अलग राह चुनने का ऐलान पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्मंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा में किया। केजरीवाल ने इसके पीछे के तर्क भी गिना दिए हैं। राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के लिए AAP से संपर्क नहीं करने को लेकर कल तक पार्टी के नेता राहुल गांधी को ताने कस रहे थे और आज केजरीवाल ने पार्टी का रुख साफ कर दिया।
दिल्ली सीएम केजरीवाल ने इस बात का ऐलान रोहतक में किया है। केजरीवाल ने कहा कि जो पार्टियां संभावित महागठबंधन में शामिल हो रही हैं, उनकी देश के विकास में कोई भूमिका नहीं रही है। हालांकि केजरीवाल का यह ऐलान राजनीतिक गलियारे के लिए थोड़ा अप्रत्याशित जरूर है। ऐसा इसलिए क्योंकि अक्सर AAP ने खुद को एनडीए के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के साथ दिखाने की कोशिश की है।
ज्यादा पीछे न भी जाएं तो पहले कर्नाटक में कुमारस्वामी की ताजपोशी में केजरीवाल की मौजूदगी और फिर जंतर-मंतर पर तेजस्वी के धरने को समर्थन देकर AAP ने यही संदेश देने की कोशिश की थी कि वह केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ाई में साथ हैं। अभी बुधवार तक AAP के नेता संजय सिंह इस बात पर टिप्पणी करते नजर आ रहे थे कि राहुल गांधी राज्यसभा उपसभापति के पद पर विपक्ष के कैंडिटेड बीके हरिप्रसाद के लिए उनसे समर्थन क्यों नहीं मांग रहे हैं।
संजय सिंह ने कहा था कि कांग्रेस की तरफ से समर्थन नहीं मांगा गया है इसलिए उनकी पार्टी वोटिंग से बाहर रहेगी। गुरुवार को ऐसा ही देखने को भी मिला। अजय माकन ने आप पर ज्यादा गुरुर नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर 2013 में कांग्रेस ने उनका समर्थन नहीं किया होता तो
कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी ट्विट कर केजरीवाल पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा है कि आप कहती है कि राजनीति अहं पर नहीं की जाती है। बिल्कुल, तभी तो अरविंद केजरीवाल ने उप-सभापति के चुनाव के दौरान राज्यसभा में मौजूद ना रहने का फैसला लिया और भाजपा की मदद की। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं- गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और अहमद पटेल ने केजरीवाल से मुलाकात कर सहयोग मांगा था लेकिन पार्टी सीधे कांग्रेस अध्यक्ष से बात करना चाहती थी। इसे लेकर ही तल्खी बढ़ी और पार्टी सदस्य राज्यसभा से नदारद रहे।