मोदी सरकार में 51 मंत्री हैं करोड़पति और 22 पर आपराधिक केस, हरसिमरत सबसे अमीर : ADR
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : मोदी सरकार के नए मंत्रिपरिषद में शामिल 56 मंत्रियों में से 51 करोड़पति हैं और 22 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी अपने हलफनामों में दी है। यह विश्लेषण एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने किया है।
मी़डिया रिपोर्ट के मुताबिक, नवगठित सरकार में 51 मंत्री करोड़पति हैं। इनमें सबसे ज्यादा अमीर शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल हैं, जिनकी संपत्ति 217 करोड़ रुपये है। हरसिमरत के बाद महराष्ट्र से राज्यसभा सांसद पीयूष गोयल की संपत्ति 95 करोड़ रुपये है। गुरुग्राम से निर्वाचित राव इंद्रजीत सिंह तीसरे सबसे धनवान मंत्री हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति 42 करोड़ रुपये घोषित की है।
चौथे नंबर पर अमित शाह हैं, जिनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सूची में 46वें नंबर पर हैं, जिनके पास 2 करोड़ रुपये की संपत्ति है। करीब 10 मंत्रियों के पास मोदी से कम संपत्ति है। इनमें बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल, मध्य प्रदेश के मोरनिया से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं, जिन्होंने करीब दो करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। एडीआर की मानें तो 51 यानी 91 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं, औसतन हर मंत्री के पास 14.72 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
मुजफ़्फ़रनगर से सांसद संजीव कुमार बालियान, अरुणाचल पश्चिम से सांसद किरण रिजिजू और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने अपनी संपत्ति करीब एक करोड़ रुपये घोषित की है। जो मंत्री करोड़पति नहीं हैं, उनमें बंगाल की रायगंज से सांसद देबाश्री चौधरी (61 लाख), असम के डिब्रूगढ़ से सांसद रामेश्वर तेली (43 लाख), केरल से सांसद वी. मुरलीधरन (27 लाख), राजस्थान के बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी (24 लाख) और ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप चंद्र सारंगी (13 लाख रुपये) शामिल हैं।
एडीआर के मुताबिक, आठ मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 10वीं से 12वीं के बीच बताई है, वहीं 47 स्नातक हैं। एक मंत्री के पास डिप्लोमा है। एडीआर ने प्रधानमंत्री मोदी समेत 58 में से 56 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया गया है क्योंकि दोनों ही फिलहाल संसद के सदस्य नहीं है।
छह मंत्रियों ने धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द बिगाड़ने के मामले दर्ज होने का हवाला दिया है। गिरिराज सिंह और अश्विनी कुमार चौबे के ख़िलाफ़ आचार संहिता उल्लंघन के मामले दर्ज हैं।
56 मंत्रियों में से 22 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है, वहीं 16 ने गंभीर आपराधिक मामले होने की बात कही है जिनमें हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और चुनाव उल्लंघन जैसे मामले शामिल हैं।
मंत्रियों में ओडिशा के प्रताप चंद्र सारंगी के ख़िलाफ़ सात गंभीर मामले दर्ज हैं।