IAF के जांबाजों ने पाकिस्तान में घुसकर पुलवामा हमले का लिया बदला, जैश-ए-मोहम्मद के कई ठिकानों को किया ध्वस्त
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली/इस्लामाबाद : पुलवामा में आत्मघाती आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के 12 दिनों बाद भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला कर उसे तबाह कर दिया। भारत ने इसे 'ऑपरेशन बालाकोट' नाम दिया है। इसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी व उनके प्रशिक्षक मारे गए हैं। इसके कुछ घंटे के भीतर पाकिस्तान ने भारत को मुहंतोड़ जवाब देने की धमकी दी। पाक सेना ने दावा किया कि भारत ने जिस इलाके में हमला किया, वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब है, जबकि रॉयटर्स ने बालाकोट को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुदूर घाटी में बसा एक शहर बताया है। मालूम हो कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी एक बालाकोट है।
विदेश सचिव विजय के. गोखले ने मीडिया को हवाई हमले की जानकारी देते हुए कहा, आज तड़के खुफिया अभियान में बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायुसेना ने हवाई हमला किया। इस अभियान में आतंकी संगठन जेईएम के बड़ी संख्या में आतंकवादियों, प्रशिक्षकों, वरिष्ठ कमांडरों व जिहादियों के समूह को मार गिराया गया। इन्हें फिदायीन हमले के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। उन्होंने कहा, बालाकोट में शिविरों का नेतृत्व मौलाना युसूफ अजहर कर रहा था जो जेईएम प्रमुख मसूद अजहर का संबंधी है। गोखले ने कहा कि यह हमला कोई सैन्य कार्रवाई नहीं थी बल्कि ऐहतियातन उठाया गया कदम था, जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था।
उधर, इस्लामाबाद में पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने बम गिराए हैं और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद वे वापस लौट गए। इस वजह से जमीन पर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तानी वायुसेना की जवाबी कार्रवाई के कारण लौटने को मजबूर होना पड़ा और उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के पास 'आत्मरक्षा व मुंहतोड़ जवाब देने का अधिकार है।'
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने पहले कहा था कि मुजफ्फराबाद सेक्टर में भारतीय घुसपैठ हुई। लेकिन पाकिस्तान में भारतीय लड़ाकू विमानों के उसके क्षेत्र में ज्यादा अंदर जाने को लेकर हंगामे के बाद उन्होंने कहा, वापस लौटने के लिए मजबूर किए जाने पर विमानों ने खुले इलाके में बम गिराए। हालांकि इससे किसी भी ढाचे को नुकसान नहीं पहुंचा और न ही कोई हताहत हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हालात की समीक्षा के लिए इस्लामाबाद में बैठक बुलाई है।
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि भारत सरकार आतंकवाद के खतरे से लड़ाई के सभी उपायों को अपनाने के लिए दृढ़ व संकल्पित है। इस वजह से यह असैन्य अग्रिम कार्रवाई खासतौर से जेईएम के शिविरों को निशाना बनाने के लिए की गई। उन्होंने कहा कि लक्ष्य का चयन नागरिकों को हताहत होने से बचाने की हमारी मंशा के अनुकूल था। गोखले ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान व पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवाद के प्रशिक्षण शिविरों के बारे में पाकिस्तान को समय-समय पर जानकारी दी है। लेकिन पाकिस्तान आतंकवादी शिविरों की मौजूदगी से इनकार करता रहा है।
गोखले ने कहा कि इस तरह के बड़े प्रशिक्षण शिविर सैकड़ों जिहादियों को प्रशिक्षण देने में सक्षम हैं और इन्हें पाकिस्तान प्रशासन की जानकारी के बगैर नहीं चलाया जा सकता। पाकिस्तान ने अपनी धरती पर आतंकवादी ढांचे को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। गोखले ने कहा, विश्वसनीय खुफिया सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई कि जेईएम देश के विभिन्न भागों में फिर आत्मघाती आतंकवादी हमले करने का प्रयास कर रहा है और इस उद्देश्य के लिए फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ऐसे में आसन्न खतरे के मद्देनजर एक अग्रिम हवाई हमला पूरी तरह से जरूरी हो गया था।
मालूम हो कि जेईएम ने जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इससे पहले, सितंबर 2016 में विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से भारत सरकार ने घोषणा की थी कि उसने नियंत्रण रेखा पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था। कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकी हमले के लगभग 11 दिनों बाद यह स्ट्राइक की गई थी।