लोकसभा में औंधे मुंह गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, समर्थन में 126 और विरोध में पड़े 325 वोट
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को वोटिंग के बाद औंधे मुंह गिर गया। औंधे मुंह इसलिए क्यों कि अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में 325 वोट पड़े जबकि पक्ष में महज 126 वोट पड़े। इस प्रस्ताव पर कुल 451 सदस्यों ने वोट डाले। शिवसेना और बीजेडी पहले ही सदन से वाकआउट कर चुकी थी। प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद लोकसभा की कार्रवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मालूम हो कि यह प्रस्ताव आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) लेकर आई थी। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। वोटिंग से पहले करीब 12 घंटे की चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों ने बारी-बारी से अपनी बात रखी। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। करीब डेढ़ घंटे के भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस को अहंकारी बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग जो भाषा बोल रहे हैं वह अज्ञानवश और अति आत्मविश्वास के कारण है।
महागठबंधन पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव नहीं बल्कि यह कांग्रेस के तथाकथित साथियों का फ्लोर टेस्ट है। मैं पीएम बनूंगा इसका ट्रायल चल रहा है। मोदी ने आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेट के दर्जे पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'जोर और जुल्म के बीच आंध्र और तेलंगाना का विभाजन किया। उस समय मैंने यह कहा था कि तेलुगू हमारी मां है। तेलुगू के स्प्रिट को टूटने नहीं देना चाहिए। कांग्रेस की वजह से तेलंगाना विवाद पैदा हुआ। कांग्रेस ने भारत-पाकिस्तान का विभाजन किया और आज भी हम मुसीबत झेल रहे हैं। कांग्रेस विभाजन करके आंध्र जीतना चाहती थी लेकिन आंध्र भी नहीं मिला और तेलंगाना भी नहीं मिला।