NDA सरकार के खिलाफ YSR कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी TDP!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के खिलाफ 16 मार्च को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर राज्य की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी शुक्रवार को एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने इस संबंध में पत्र लिखकर कई विपक्षी दलों से समर्थन मांगा है। इस अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का संकेत आन्ध्र में वाईएसआर की विरोधी और एनडीए की सहयोगी तेलुगुदेशम पार्टी ने दिया है।
इस मामले में YSR कांग्रेस के सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा के महासचिव को नोटिस दिया है, और इस मुद्दे को कल के लिए सदन की कार्यवाही में शामिल करने को कहा है। इसी सिलसिले में YSR कांग्रेस के एमपी वाईवी सुब्बा रेड्डी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं से मिले। सुब्बा रेड्डी ने कांग्रेस नेता मल्लिार्जुन खड़गे और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की और उन्हें पार्टी अध्यक्ष का पत्र सौंपा। पार्टी अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने इस मामले पर इन नेताओं से समर्थन मांगा है।
इधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि- यदि जरूरत पड़ी तो केन्द्र के खिलाफ उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन करने के लिए तैयार है। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को विधानसभा में कहा- यदि जरूरत पड़ती है तो हमलोग अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे, चाहे इसे जो कोई भी लाए। आंध्र प्रदेश में टीडीपी और YSR कांग्रेस एक दूसरे की विरोधी पार्टियां हैं।
गुरुवार को भी इस मुद्दे पर संसद में हंगामा हुआ। लोकसभा की बैठक शुरू होने पर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और राज्य से संबंधित अन्य मांगें उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित करनी पड़ी।
बता दें कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर टीडीपी के दो मंत्री केंद्र से इस्तीफा दे चुके हैं। उस समय टीडीपी ने कहा था कि वह एनडीए सरकार को समर्थन देते रहेंगे। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को सदन में कहा कि टीडीपी सत्ता की भूखी नहीं है। उन्होंने कहा- टीडीपी एनडीए- 1 का हिस्सा थी, वाजपेयी जी ने हमें 6 मंत्री ऑफर किये थे, लेकिन हमनें नहीं लिया, वाजपेयी हमलोगों से सलाह लिया करते थे। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना हमसे चर्चा करने के बाद ही वजूद में आई थी।