पृथक तेलंगाना की राह साफ: रास में पास हुआ बिल
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: अब तेलंगाना देश का 29वा राज्य होगा। इसकी सम्मति संसद ने दी है। लोकसभा के बाद उच्च सदन राज्यसभा ने भी भारी हंगामे के बीच गुरुवार को तेलंगाना बिल पास कर दिया। बिल में कई संशोधनों को भी पास किया गया। इसके साथ ही गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सीमांध्र को 5 सालों के लिए विशेष दर्जा देने की घोषणा की।
इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी तेलंगाना बिल पर सरकार की ओर से बात रखी। जिस वक्त पीएम बयान दे रहे थे सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। पीएम ने हंगामे के बावजूद अपना पूरा बयान पढ़ा, लेकिन उनके शोरगुल की वजह से उनके बयान को कोई सुन नहीं पा रहा था। कई सांसद बिल की प्रति फाड़कर पीएम के ऊपर फेंक रहे थे।
देर से शुरू हुई चर्चा में बसपा नेता मायावती ने अलग तेलंगाना राज्य का समर्थन करने की बात कही तो वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी ने राज्य का विभाजन लोगों के हितों के खिलाफ बताया। वहीं आन्ध्रप्रदेश से भाजपा सांसद वैंकेया नायडू ने सीमांध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की वकालत की।
वहीं केंद्रीय मंत्री और आन्ध्र प्रदेश के सांसद चिरंजीवी ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए बिल का विरोध किया और साथ ही मांग की कि हैदराबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए। उन्होंने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज का अनुरोध करते हुए विभाजन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस बीच तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन हाथ में बिल को असंवैधानिक बताती तख्ती लेकर 'कांग्रेस-भाजपा साथ-साथ' का नारा लगाते भी दिखे।
इससे पहले, शिंदे ने जब आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को सदन में चर्चा के लिए रखा उस समय टीडीपी, तृणमूल और शिवसेना सहित विभिन्न दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर बैनर और तख्तियां दिखाते हुए नारेबाजी कर रहे थे। इनमें से कई सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए शिंदे की तरफ बढ़ने का प्रयास किया। लेकिन प्रमोद तिवारी सहित सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने शिंदे को चारों ओर से घेर रखा था।
इसके बाद उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि विपक्ष के नेता अरुण जेटली सहित कई दलों के सदस्यों ने तेलंगाना विधेयक पर संवैधानिक बिंदू उठाने के लिए नोटिस दिए हैं। वह इसके लिए सबसे पहले जेटली को बोलने का मौका दे रहे हैं। जेटली बोलने के लिए खड़े भी हुए लेकिन सदन में भारी हंगामे के बीच वह अपनी बात शुरू नहीं कर पाये। हंगामे के कारण बैठक को कई बार स्थगित करना पड़ा।
बीच में कुरियन ने कहा कि वह सदन की अनुमति से विसल ब्लोअर विधेयक पर चर्चा कराना चाहते हैं लेकिन बीजेपी के प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार को पहले यह बताना चाहिए कि वह तेलंगाना विधेयक कब लाएगी। इसी बीच अन्नाद्रमुक नेता वी मैत्रेयन ने श्रीलंका नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किये जाने के मुद्दे पर विरोध जताते हुए सभापति की कुर्सी की ओर बढ़ने का प्रयास किया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनके इस प्रयास को विफल कर दिया।