MeToo : प्रिया रमाणी के खिलाफ कोर्ट पहुंचे मोदी के मंत्री अकबर, किया मानहानि का मुकदमा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : मी टू अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर ने कानून का रास्ता अख्तियार किया है। उन्होंने आरोप लगाने वाली एक पत्रकार प्रिया रमानी पर मानहानि का मुकदमा किया है। सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अपने वकीलों के माध्यम से अकबर ने यह मुकदमा किया है।
मालूम हो कि एमजे अकबर पर करीब एक दर्जन महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इसके बाद विपक्षी दल जोर-शोर से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। रविवार को नाइजीरिया से लौटने के बाद अकबर ने खुद सामने आकर सफाई दी। इस्तीफे की मांग को नजरंदाज करते हुए विदेश राज्यमंत्री अकबर ने कहा था कि उनके खिलाफ सभी आरोप झूठे और निराधार हैं। उन्होंने आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी।
मिंट लाउंज की पूर्व संपादक प्रिया रमानी ने सबसे पहले अकबर पर इल्जाम लगाया था। प्रिया रमानी ने एक साल पहले एक आलेख लिखा था जिसमें अकबर का नाम लिया था और अब उन्होंने मी टू कैंपेन में अकबर का नाम लिया है। अकबर ने कहा, कोई कहानी नहीं है, बल्कि संकेत, कल्पना और अपमानजनक आक्षेप उस बात को लेकर लगाए जा रहे हैं जो कभी हुई ही नहीं है। कुछ तो बिल्कुल सुनी सुनाई अफवाहें हैं, जबकि अन्य खुले आम इस बात की पुष्टि कर रही हैं कि मैंने कुछ नहीं किया।
67 वर्षीय अकबर अंग्रेजी अखबार एशियन एज के पूर्व संपादक हैं। रमानी के बाद धीरे-धीरे और 11 महिला पत्रकार भी अपनी शिकायतों के साथ खुलकर सामने आ गईं। इन महिला पत्रकारों ने अकबर के साथ काम किया था। अकबर के खिलाफ खुलकर सामने आने वाली पत्रकारों में फोर्स पत्रिका की कार्यकारी संपादक गजाला वहाब, अमेरिकी पत्रकार मजली डे पय कैंप, इंग्लैंड की पत्रकार रूथ डेविड, प्रिया रमाणी, कनिका गहलोत, सुप्रिया शर्मा, शुमा राह, प्रेरणा सिंह बिंद्रा सबा नकवी और शतापा पॉल आदि शामिल हैं।