तीन लाख भारतीयों को अब छोड़ना ही होगा अमेरिका
वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लाखों अवैध अप्रवासियों को देश से निकाले जाने की योजना में छूट के प्रस्ताव को रद्द कर दिया। इससे तीन लाख भारतीयों समेत करीब 40 लाख अवैध अप्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने का खतरा पैदा हो गया है। खास बात यह है कि ट्रम्प प्रशासन का यह फैसला भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले लिया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2014 में डेफर्ड एक्शन फॉर पेरेंट्स ऑफ अमेरिकंस एंड लॉफुल पर्मनेंट रेसिडेंट्स यानी डापा नीति के तहत अवैध अप्रवासियों को राहत दी थी। इस नीति से उन 40 लाख लोगों को राहत मिलना था जो 2010 के पहले से अमेरिका में रह रहे हैं, जिनकी संतानों ने अमेरिका में जन्म लिया और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। अब ऐसे परिवारों को अमेरिका से निकाले जाने का खतरा पैदा हो गया है।
हालांकि ट्रंप प्रशासन 2012 की डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स यानी डैका नीति को बने रहने देगा। इसके तहत, अमेरिका में गैर-कानूनी तरीके से प्रवेश करने वाले नाबालिग बच्चों को अस्थाई राहत देगा। उन्हें अमरीकी स्कूलों में पढ़ाई पूरी करने तक ठहरने की अनुमति मिलेगी। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि नए आदेश से मानवीय संकट पैदा होगा क्योंकि अवैध अप्रवासियों के बच्चे अमेरिका में जन्मे हैं और वे वैध नागरिक हैं। ऐसे में उनके माता-पिता को निकाला गया तो बड़ा मानवीय संकट खड़ा होगा।
अमेरिकी गृह मंत्री जॉन केली ने कहा कि अवैध अप्रवासियों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी। केली ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया कि 20-30 सालों से अमेरिका में रह रहे अप्रवासी परिवारों को देश से नहीं निकाला जाएगा। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रम्प अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने फरवरी में अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने की कार्यवाही तेज करने का आदेश दिया था। (एजेंसियां)