क्या कोर्ट को भी FIR के लिए सरकार से पूछना होगा?
राजस्थान में वसुंधरा सरकार सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में एक ऐसा विधेयक लाने जा रही है जो सांसद, विधायक, जज और अफसरों को कानूनी कार्रवाई से बचाने का कवच प्रदान करेगी। ये बिल पास हुआ तो बग़ैर सरकार की अनुमति के अफसरों के ख़िलाफ़ कोई एफआईआर नहीं होगी।
न्यू इंडिया के सपने की हकीकत
न्यू इंडिया मतलब नया भारत। एक ऐसा भारत जहां कोई गरीब नहीं हो, कोई भूखा न हो, कोई अनपढ़ न हो, कोई बेरोजगार न हो, सर्वधर्मसम्भाव का मान हो, जय जवान-जय किसान का नारा बुलंद हो। जानकार मानते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने जो वायदे देश की जनता से किए थे, अगर उसे भी पूरा करने में सरकार सफल रही तो खुद-ब-खुद नया भारत यानी न्यू इंडिया बन जाएगा।
गांधी की नजर में लोकमान्य तिलक
लोकमान्य तिलक की नौवीं पुण्यतिथि पर 2 अगस्त 1929 को अहमदाबाद स्थित गुजरात विद्यापीठ में महात्मा गांधी जब भाषण देने पहुंचे तो शुरूआत में ही उनसे 'शठं प्रति शाठ्यम' जो तिलक का सिद्धांत माना जाता है के बारे में सवाल कर दिया गया। गांधी जी ने इसी ठेठ सवाल से अपना भाषण शुरू किया और तिलक के बारे में कई चीजें बताईं।
रोहिंग्या शरणार्थियों को यूं न ठुकराएं
आजादी के बाद से करीब चार करोड़ शरणार्थी भारत की सीमा लांघ चुके हैं और अभी रोहिंग्याओं के बांग्लादेश पहुंचने के साथ ही हमारी सरहद पर एक और शरणार्थी संकट आ खड़ा हुआ है। इस हाल में हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए।
गौरी लंकेश की हत्या किसने की?
एक आजाद विचार, आजाद सोच और कट्टर हिंदुत्व के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली महिला पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात को कुछ समाज विरोधी ताकतों ने बेंगलुरु में हत्या कर दी। इस हत्याकांड के विरोध में दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के परिसर में बुधवार को पत्रकारों ने अपनी आवाज बुलंद की। विरोध सभा में एनडीटीवी इंडिया के पत्रकार रवीश कुमार ने भी अपनी बात रखी।
पत्रकार गौरी लंकेश की आखिरी हेडलाइन
पत्रकारिता जगत की एक बुलंद आवाज गौरी लंकेश को कुछ समाज विरोधी तत्वों ने हमेशा-हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया है। 16 पन्नों की उनकी पत्रिका 'गौरी लंकेश पत्रिके' हर हफ्ते निकलती है। लेकिन 13 सितंबर का अंक इसका आख़िरी अंक साबित हुआ। गौरी कन्नड़ भाषा में लिखती थीं। कुछ काबिल पत्रकारों ने उनके आखिरी संपादकीय का हिन्दी में अनुवाद किया है ताकि देश को पता चल सके कि आखिर गौरी ने ऐसा क्या लिखा कि उसे जान गंवानी पड़ी।
आजादी के 70 साल : कई कमाल कई सवाल
फ्रीडम एट मिड नाइट आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहा है। यह एक ऐसा मौका है जबकि उन वर्षों में देश ने क्या पाया और क्या खोया उसपर विचार किया जाए। 70 साल की उपलब्धियों या असफलताओं का विश्लेषण भविष्य के लिए अपनी योजनाएं निर्धारित करने में बहुत कारगर सिद्ध होंगे। किसी भी देश के लिए कुछ सवाल इतने अहम होते हैं कि उनके बारे में लिए गए निर्णय भविष्य को निश्चित रूप से प्रभावित करते हैं।
बच्चों के लिए भी नहीं छोड़ी दुनिया
आजादी के 70 बरस बाद क्या वाकई 1947 के नन्हें- मुन्नो ने जिस दुनिया के सपने पाले वह आज की दुनिया दे पा रही है। ये सब सपना है क्योकि मौत दर मौत ही बच्चों का सच हो चला है। गोरखपुर के अस्पताल में 60 बच्चों का नरसंहार तो एक बानगी भर है। क्योंकि बच्चों के जीने के लिए हमने-आपने छोड़ी कहां है दुनिया। हालात हैं बदतर। तस्वीर खौफनाक हैं। आंकड़े डराने वाले हैं।
सुशासन बाबू की यारी गजब की न्यारी
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्हें प्यार से सुशासन बाबू भी कहा जाता है ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अवसरवादी राजनीति से उनकी यारी गजब की न्यारी है। 12 साल में 6 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना वाकई कमाल की बात है।
कांग्रेसी एकता में अनेकता के सुर
सत्ताकाल में सरकार की जेबी बन गयी कांग्रेस की गत सप्ताहांत हरियाणा में सक्रियता देखने वाली रही। दस साल तक मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा जींद की किसान पंचायत में दहाड़े कि लक्ष्य हासिल होने तक न चैन से बैठेंगे और न ही भाजपा सरकार को बैठने देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी अलग-अलग कार्यक्रमों में यही संदेश देने की कोशिश की कि वे राज्य में कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं।