टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर भी मंदी की मार; मिल्स एसोसिएशन निटमा ने अखबारों में एक पेज का दिया विज्ञापन
रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल के बाद अब टेक्सटाइल सेक्टर भी मंदी की चपेट में आ गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन निटमा को मंदी और रोजगार संकट की जानकारी अखबारों में विज्ञापन देकर बतानी पड़ रही है।
तीन लाख कर्मचारियों की छंटनी करेगा रेलवे! मंडल कार्यालयों को सूची तैयार करने का मिला आदेश
देश में भारी बेरोजगारी के बीच रेलवे ने करीब तीन लाख कर्मचारियों की छंटनी के लिए अपने मंडल कार्यालयों को उन कर्मियों की सूची तैयार करने के लिए कहा है जो 2020 की पहली तिमाही में 55 साल के हो जाएंगे या जिनकी सेवा 30 साल पूरी हो जाएगी।
आखिरकार मोदी सरकार ने जारी किए रोजगार के आंकड़े, 2017-18 में बेरोज़गारी दर 45 साल में सर्वाधिक
आखिरकार सच बाहर आ ही गया। देश में 2017-18 में बेरोज़गारी दर कुल उपलब्ध कार्यबल का 6.1 प्रतिशत रही जो 45 साल में सर्वाधिक है। आम चुनाव से ठीक पहले बेरोज़गारी से जुड़े आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट लीक हो गई थी जिसकी पुष्टि शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में हुई है।
महाराष्ट्र : 2017 में कर्जमाफी के बावजूद 4500 किसानों ने की आत्महत्या
सिर्फ महाराष्ट्र की बात करें तो बीते पांच (2014-18) सालों में 14,034 किसानों ने आत्महत्या की है। इस तरह हर दिन औसतन आठ किसानों ने आत्महत्या की है। वास्तव में जून 2017 में राज्य सरकार द्वारा कर्जमाफी के लिए 34,000 करोड़ रुपये के ऐलान के बाद 4,500 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है।
खान-पान को लेकर भीड़ द्वारा किसी की हत्या संविधान की हत्या है : जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
बॉम्बे हाईकोर्ट में बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित जस्टिस देसाई मेमोरियल लेक्चर में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मॉब लिंचिंग को लेकर कहा है कि जब किसी शख्स को उसके खानपान की वजह से पीट-पीटकर मार दिया जाता है तो यह उसकी नहीं, बल्कि संविधान की हत्या होती है.
कटघरे में अभिव्यक्ति की आजादी! मोदी सरकार की आलोचना करने पर पालेकर को बोलने से रोका
मोदी सरकार की आलोचना करने पर अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर को एक कार्यक्रम में बोलने से रोक दिया गया। मुंबई के एनजीएमए में मशहूर पेंटर प्रभाकर बर्वे पर आयोजित एक प्रदर्शनी के दौरान ‘इनसाइड द इम्पटी बॉक्स’ विषय पर बतौर अतिथि शामिल हुए अमोल पालेकर अपना भाषण दे रहे थे।
वाह रे बाजार, बाजार में बैठा बनिया, बनिये की मुट्ठी में बंद अपने देश का नेता और योजनाकार
पहाड़िया समाज की आबादी लगातार सिमट रही है। यहां के फलदार वृक्षों को जिओ के मोबाइल टावर बांझ बना रहे हैं। परम्परावादी पहाड़िया जिन पहाड़ों पर बसते हैं, उसी पहाड़ी के नीचे संताल लोगों की बस्तियां हैं। सच कहें तो पहाड़िया इलाकों का विकास स्थानीय आबादी के मनोनुकूल नहीं बल्कि वातानुकूलित चैम्बर्स में पनपे विचारों का नतीजा है। ठेकेदारों के घोटालिया रवैये से विकास का अस्थि पंजर ही पहाड़िया समाज की नियति है।
'हमारी मुसीबत की चाबी सरकार के पास है वो सुनती नहीं, मीडिया के पास है तो वो देखती नहीं'
देश के अलग-अलग हिस्सों से चलकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के बैनर तले गुरुवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे अन्नदाताओं ने शुक्रवार को संसद मार्ग तक किसान मुक्ति मार्च किया और नारे लगाए- हमें अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए।
किताब में योगेंद्र यादव का दावा; मोदी सरकार अब तक की सबसे किसान विरोधी सरकार है
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव का कहना है कि इस देश में कभी भी किसान हितैषी सरकारें नहीं आईं लेकिन मोदी सरकार ने किसान विरोध के मामले में पिछली सभी सरकारों को मात दे दी है। यह देश की पहली सरकार है जो इस देश की अब तक की सबसे किसान विरोधी सरकार है।
अविरल गंगा की खातिर जीडी अग्रवाल ने PM मोदी को लिखे थे तीन पत्र, जवाब एक का नहीं मिला
गंगा सफाई की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का गुरुवार को निधन हो गया। दिवंगत होने से पहले प्रो. अग्रवाल ने गंगा नदी को अविरल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन बार पत्र लिखा था, लेकिन उनके एक पत्र का जवाब नहीं आया।