मध्य रात्रि में किसान क्रांति यात्रा को दिल्ली में मिली एंट्री, किसान घाट पहुंच आंदोलन किया खत्म
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : किसान क्रांति यात्रा लेकर दिल्ली पहुंचे उत्तर प्रदेश के किसानों ने आखिरकार अपना मार्च वापस ले लिया। बुधवार तड़के किसान नेता नरेश टिकैत ने इसका ऐलान किया। इसके साथ ही आंदोलन में शामिल किसान अपने-अपने गांवों की ओर लौट गए हैं। मालूम हो कि मंगलवार देर रात किसान मार्च को दिल्ली में एंट्री दी गई थी। एंट्री के बाद सभी किसान पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह के स्मारक किसान घाट पहुंच जहां उन्होंने अपना आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा, 23 सितंबर को शुरू हुई किसान क्रांति यात्रा किसान घाट पहुंचकर खत्म हो गई है। चूंकि दिल्ली पुलिस ने हमें राजधानी में घुसने की इजाजत नहीं दी थी इसलिए हमने प्रदर्शन किया था। हमारा मकसद यात्रा को खत्म करने का था जो अब पूरा हुआ। अब हम अपने गांव जाएंगे। हालांकि अभी इनकी मांगों को लेकर सरकार की ओर से क्या पहल की गई है, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है।
मालूम हो कि मंगलवार को किसानों और पुलिस के बीच काफी हिंसक संघर्ष देखने को मिला। किसानों को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर रोकने के लिए यूपी और दिल्ली, दोनों राज्यों की पुलिस ने पूरा जोर लगा रखा था। मंगलवार देर रात करीब 12:30 बजे पुलिस ने बैरियर खोल दिए और किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दे दी।
मंगलवार सुबह करीब 11.45 बजे किसानों का यह आंदोलन तब हिंसक हुआ जब उन्होंने पुलिस बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसने की कोशिश की। पुलिस के मुताबिक किसानों ने पत्थरबाजी की जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पानी की बौछारें छोड़ीं। लाठियां चलाईं। रबड़ की गोलियां भी दागीं। ट्रैक्टरों के तार काट दिए। पहियों की हवा निकाल दी। करीब आधे घंटे तक अफरा-तफरी जैसे हालात में 100 से ज्यादा किसानों को चोंटें आईं, कुछ गंभीर भी हैं। दिल्ली पुलिस के एक एसीपी समेत 7 पुलिसकर्मी भी घायल हुए।