मप्र में किसानों की खुदकुशी लीला जारी, कांग्रेस ने शिवराज को कहा यमराज
मध्यप्रदेश यानी शिव के राज में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला अभी भी जारी है। शनिवार को भी कर्ज से परेशान दो किसानों ने आत्महत्या कर ली। इस तरह राज्य में 21 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 36 हो गई है, जबकि कांग्रेस 25 दिनों में 55 किसानों की आत्महत्या की बात कह रही है।
महाराष्ट्र में भी कर्ज माफी का ऐलान, किसानों का 1.5 लाख तक का लोन माफ
उत्तर प्रदेश और पंजाब की तरह महाराष्ट्र में भी किसानों को कर्ज माफी की सौगात फडणवीस सरकार ने दे दिया है। शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के 90 प्रतिशत किसानों के कर्ज को माफ करने का दावा करने के साथ इसकी घोषणा की। इसमें किसानों का 1.5 लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया गया है। इसका फायदा राज्य के 89 लाख किसानों को होगा।
किसानों की आत्महत्या पर वेंकैया के विवादित बोल; कहा- फैशन बन गया है कर्ज माफी
कर्जमाफी समेत अन्य मांगों के समर्थन में चलाए जा रहे किसान आंदोलन और किसानों की आत्महत्या को लेकर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने विवादित बयान दिया है। वेंकैयान ने गुरुवार को कहा कि कृषि कर्ज माफी आजकल फैशन बन गया है। कर्ज माफी होनी चाहिए लेकिन सिर्फ विशेष परिस्थितियों में। किसानों की बेहतरी के लिए कर्ज माफी अंतिम समाधान नहीं है।
मंदसौर में आंदोलित अन्नदाताओं पर फायरिंग में 6 की मौत, सिंधिया बोले- मप्र के लिए काला दिन
एक तरफ मोदी सरकार पूरे देश में सरकार की उपलब्धियों का जश्न मना रही है तो दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों का सहारा लेकर अन्नदाताओं को गोली मारी जा रही है। मंदसौर में धरने पर बैठे किसानों पर पुलिस की फायरिंग में करीब 6 किसानों के मारे जाने की खबर है।
जागो सरकार जागो : महाराष्ट्र में सड़कों पर दूध बहा रहे हैं किसान
महाराष्ट्र के किसान हड़ताल पर हैं, क्योंकि उन्हें कृषि से जुड़े जरूरी सामान न मिल पाने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कर्जमाफी नहीं होने से आर्थिक रूप से लगातार कमजोर होने से जिंदगी तक खतरे में है। किसानों के विरोध की आवाज का आलम यह है कि वो अब सड़कों पर दूध बहा रहे हैं और सब्जियां फेंक रहे हैं।
जंतर-मंतर से : सहारनपुर के दलितों ने मांगा 'संघवाद' और 'जातीय आतंकवाद' से आजादी
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में राजपूतों और दलितों के बीच हिंसक घटनाओं के बाद चर्चा में आई भीम आर्मी के दलित कार्यकर्ताओं पर मुकदमा और गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सैकड़ों दलित कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। 5 मई को महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष्य में निकाली जा रही शोभायात्रा को रोकने की वजह से शुरू हुए विवाद में दोनों पक्षों की ओर से आगज़नी और पत्थरबाज़ी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद दलितों के 25 घरों को जला दिया गया था।
तीन तलाक पर सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम कम्युनिटी में 1400 साल से चली आ रही तीन तलाक प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने तीन तलाक पर 6 दिन सुनवाई की जिसमें केन्द्र सरकार, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, ऑल इंडिया मुस्लिम वीमेंस पर्सनल लॉ बोर्ड तथा अन्य ने अपने-अपने पक्ष रखे।
'OROP पर ये तानाशाह सरकार देश को गुमराह कर रही है'
ओआरओपी को लेकर कई ब्योरे ऐसे हैं जो काफी उलझे हुए और सबके फायदे की बात नहीं करते हैं। इसी उलझन भरे सवालों का जवाब पाने के लिए जब पूर्व सैनिकों का एक दल अपने परिवार समेत जंतर मंतर से इंडिया गेट की ओर शांति मार्च पर निकला तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। पुलिस के मुताबिक पूर्वसैनिकों की जोर जबरदस्ती में एक सीआरपीएफ जवान चोट भी आई हैं। ये अपने प्रदर्शन के जरिए देश को बताना चाहते थे कि इनकी मांगें अभी भी पूरी नहीं की गई हैं।
तीन तलाक निकाह तोड़ने का सबसे बदतर तरीका है : सुप्रीम कोर्ट
मुस्लिमों में तलाक-ए-बिद्दत और निकाह हलाला की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें ‘पंच-परमेश्वर’ ने मुसलमानों में तीन बार तलाक कहकर शादी तोड़ने की प्रथा को बदतर और अवांछनीय तरीका करार दिया है। मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि तीन तलाक निकाह तोड़ने का बहुत ही बदतर एवं अवांछनीय तरीका है।
ट्रिपल तलाक पर SC में मेगा सुनवाई शुरु, अदालत ने कहा बहुविवाह पर नहीं होगी बात
ट्रिपल तलाक को लेकर हो रही राजनीति के बीच इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर गुरुवार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु हो गई है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वो तीन तलाक और हलाला जैसे मुद्दे पर तो सुनवाई करेगा लेकिन बहुविवाह जैसी व्यवस्था पर बात नहीं होगी। पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने गुरुवार से ऐतिहासिक सुनवाई शुरू की है।