जानिए! उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के बारे में प्रमुख तथ्य
प्रवीण कुमार/सत्ता विमर्श टीम
भारतीय निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा क्षेत्र में 15 फरवरी 2017 को एक चरण में चुनाव की घोषणा की है। 11 मार्च को अन्य राज्यों के साथ ही उत्तराखंड में भी मतगणना कराई जाएगी और दोपहर बाद नतीजे की घोषणा कर दी जाएगी। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और अखिल भारतीय कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है। चुनाव कार्यक्रम इस प्रकार से है--
चुनाव अधिसूचना - 20 जनवरी 2017
नामांकन भरने की अंतिम तारीख - 27 जनवरी 2017
नाम वापसी की अंतिम तारीख - 01 फरवरी 2017
चुनाव की तारीख - 15 फरवरी 2017
मतगणना की तारीख - 11 मार्च 2017
पिछले चुनावों में दलीय स्थिति पर एक नजर
विधानसभा चुनाव 2012 में हुए चुनाव में भाजपा को 31, कांग्रेस को 32 और अन्य दलों को 7 सीटें मिली थीं। 2007 के चुनाव में भाजपा को 34, कांग्रेस को 21 और अन्य दलों को 15 सीटों पर जीत मिली थी जबकि साल 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19, कांग्रेस को 36 और अन्य दलों को 15 सीटों पर जीत मिली थी।
विधानसभा चुनाव 2017 में प्रमुख पार्टियां
इस चुनाव में प्रमुख पार्टियों में अखिल भारतीय कांग्रेस, और भारतीय जनता पार्टी है। उत्तराखंड क्रांति दल और बहुजन समाज पार्टी भी कुछ सीटों पर चुनाव मैदान में है। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के नेता हरीश रावत ही पार्टी के अगले मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बनाए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी का नाम घोषित नहीं किया है लेकिन चर्चा है कि अगर भाजपा जीतती है तो अनिल बलूनी को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया जा सकता है।
उत्तराखंड का राजनीतिक इतिहास
भारतीय इतिहास में इस क्षेत्र के बारे में कुछ जानकारी मिलती है। मसलन हिन्दू धर्म के पुनरुद्धारक आदि शंकराचार्य के द्वारा हिमालय में बद्रीनाथ मन्दिर की स्थापना का उल्लेख आता है। शंकराचार्य द्वारा स्थापित इस मन्दिर को हिन्दू चौथा और आख़िरी मठ मानते हैं। यहां पर कुषाणों, कनिष्क, समुद्रगुप्त, पौरव, पाल, चंद्र, पंवार और ब्रिटिश शासकों ने शासन किया है। इसके पवित्र तीर्थस्थलों के कारण इसे देवताओं की धरती देवभूमि कहा जाता है।
वर्तमान उत्तराखंड राज्य 'आगरा और अवध संयुक्त प्रांत' का हिस्सा है। यह प्रांत 1902 में बनाया गया था। सन 1935 में इसे 'संयुक्त प्रांत' कहा जाता था। स्वातंत्र्योत्तर भारत में 1949 में इसका एक बार फिर उल्लेख मिलता है, जब टिहरी गढ़वाल और रामपुर के दो स्वायत्त राज्यों को संयुक्त प्रान्त में मिलाया गया। 1950 में नया संविधान अंगीकार किये जाने के साथ ही संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया और यह नए भारतीय संघ का संविधान-सम्मत राज्य बन गया।
उत्तर प्रदेश के गठन के फ़ौरन बाद इस क्षेत्र में गड़बड़ी शुरू हो गई। यह महसूस किया गया कि राज्य की बहुत विशाल जनसंख्या और भौगोलिक आयामों के कारण लखनऊ में बैठी सरकार के लिए उत्तराखण्ड के लोगों के हितों का ध्यान रखना असम्भव है। बेरोज़गारी, ग़रीबी, पेयजल और उपयुक्त आधारभूत ढांचे जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव और क्षेत्र का विकास न होने के कारण उत्तराखण्ड की जनता को आन्दोलन करना पड़ा। शुरुआत में आन्दोलन कुछ कमज़ोर रहा, लेकिन 1990 के दशक में यह ज़ोर पकड़ गया और 1994 के मुजफ़्फरनगर में इसकी परिणति चरम पर पहुंची।
उत्तराखण्ड की सीमा से 20 किमी दूर उत्तर प्रदेश राज्य के मुजफ़्फनगर जिले में रामपुर तिराहे पर स्थित शहीद स्मारक उस आन्दोलन का मूक गवाह है, जहां 2 अक्टूबर 1994 को लगभग 40 आन्दोलनकारी पुलिस की गोलियों के शिकार हुए थे। लगभग एक दशक के दीर्घकालिक संघर्ष की पराकाष्ठा के रूप में पहाड़ी क्षेत्र के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों की पहचान और बेहतर प्रशासन के लिए राजनीतिक स्वायत्तता के लिए उत्तरांचल राज्य का जन्म हुआ। 9 नंवबर, 2000 को उत्तरांचल भारत का 27वां राज्य बना। 2000 से 2006 के बीच यह उत्तरांचल के नाम से ही जाना जाता था। बाद में इस प्रदेश का नाम बदलकर उत्तराखंड किया गया।
उत्तराखंड की जनसांख्यिकी
उत्तराखंड राज्य भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। इसका कुल भूभाग 53,483 वर्ग किलोमीटर का है। 2011 की जनगणना के मुताबिक उत्तराखंड की आबादी 1,00,86,292 है। पिछली जनगणना के मुकाबले यह वृद्धि दर 19.17 प्रतिशत थी। यहां पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 1000:963 है। उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व 189 प्रति वर्ग किलोमीटर है। राज्य की साक्षरता दर 79.63 प्रतिशत है। राज्य की सीमाएं तिब्बत, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों से जुड़ती हैं। राज्य की राजधानी देहरादून देश की राजधानी दिल्ली से 240 किलोमीटर दूर स्थित है। उत्तराखंड में 13 जिले हैं : पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, उत्तर काशी, उधम सिंह नगर, चमोली, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और हरिद्वार।
क्रमवार विधानसभा क्षेत्रों के नाम
1. पुरोला Purola (SC)
2. यमुनोत्री Yamunotri
3. गंगोत्री Gangotri
4. बद्रीनाथ Badrinath
5. थराली Tharali (SC)
6. कर्णप्रयाग Karnprayag
7. केदारनाथ Kedarnath
8. रूद्रप्रयाग Rudraprayag
9. घंसाली Ghanshali (SC)
10. देवप्रयाग Deoprayag
11. नरेंद्रनगर Narendranagar
12. प्रतापनगर Pratapnagar
13. टिहरी Tehri
14. धनौल्टी Dhanolti
15. चकराता Chakrata (ST)
16. विकासनगर Vikasnagar
17. सहसपुर Sahaspur
18. धरमपुर Dharampur
19. रायपुर Raipur
20. राजपुर रोड Rajpur Road (SC)
21. देहरादून कैंट Dehradun Cantt
22. मसूरी Mussoorie
23. डोईवाला Doiwala
24. ऋषिकेश Rishikesh
25. हरिद्वार Hardwar
26. बीएचईएल रानीपुर BHEL Ranipur
27. ज्वालापुर Jwalapur
28. भगवानपुर Bhagwanpur (SC)
29. झबरेला Jhabarela (SC)
30. पीरानकलियार Pirankaliyar
31. रूड़की Roorkee
32. खानपुर Khanpur (SC)
33. मंगलोर Manglore
34. लक्सर Laksar
35. हरिद्वार ग्रामीण Hardwar Rural
36. यमकेश्वर Yamkeshwar
37. पौड़ी Pauri (SC)
38. श्रीनगर Srinagar
39. चौबट्टाखाल Chaubattakhal
40. लैंसडोन Lansdowne
41. कोटद्वार Kotdwar
42. धारचूला Dharchula
43. डीडीहाट Didihat
44. पिथौरागढ़ Pithoragarh
45. गंगोलीहाट Gangolihat (SC)
46. कपकोट Kapkote
47. बागेश्वर Bageshwar (SC)
48. द्वाराहाट Dwarahat
49. सल्ट Salt
50. रानीखेत Ranikhet
51. सोमेश्वर Someshwar (SC)
52. अल्मोड़ा Almora
53. जागेश्वर Jageshwar
54. लोहाघाट Lohaghat
55. चंपावत Champawat
56. लालकुंआ Lalkuwa
57. भीमताल Bhimtal
58. नैनीताल Nainital (SC)
59. हल्द्वानी Haldwani
60. कालाडुंगी Kaladhungi
61. रामनगर Ramnagar
62. जसपुर Jaspur
63. काशीपुर Kashipur
64. बाजपुर Bajpur (SC)
65. गदरपुर Gadarpur
66. रूद्रपुर Rudrapur
67. किच्छा Kichha
68. सितारगंज Sitarganj
69. नानक मित्ता Nanak Matta (ST)
70. खटीमा Khatima