गुजराती कारोबारी के पीछे 'जनरल डायर' कौन?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली/अहमदाबाद : पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने अपने ट्वीट में दावा किया कि है कि गुजरात के कारोबारी महेश शाह ने 13,860 करोड़ रुपये की जिस अघोषित आय का खुलासा किया है, वह किसी और का नहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का है।
यह सब संपति अमित शाह की हैं. https://t.co/f2DAgFAaNP
— Hardik Patel (@HardikPatel_) December 3, 2016
हार्दिक पटेल ने इस संबंध में शनिवार शाम 8 बजे के करीब किए अपने ट्वीट में लिखा, '13 हजार करोड़ की संपत्ति कोई मामूली रकम नहीं है। महेश शाह सिर्फ चेहरा है। असली खिलाड़ी जनरल डायर है।' इसके कुछ मिनट बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हार्दिक के ट्वीट को रीट्वीट कर दिया। केजरीवाल ने अपने ट्वीट में सवाल उठाया, 'क्या यह सच है?' अपने अगले ट्वीट में हार्दिक ने लिखा, 'भाजपा कार्यालय कमलम के सीसीटीवी फुटेज चेक किए जाएं तो पता चलेगा कि महेश शाह के संबंध किस नेता से हैं। फोन रिकॉर्डिंग के डिटेल निकालो, सब पता चलेगा।'
१३ हज़ार करोड़ की संपति कोई मामूली रक़म नहीं हैं.महेश शाह सिर्फ़ चहेरा है असली खिलाड़ी जनरल डायर हैं.
— Hardik Patel (@HardikPatel_) December 3, 2016
हार्दिक का यह भी कहना है कि आयकर विभाग के अधिकारियों को पिछले तीन महीने में महेश शाह के मूवमेंट और सौदों की जांच करनी चाहिए। महेश शाह अक्सर गांधीनगर के भाजपा दफ्तर जाया करते थे। हार्दिक ने आरोप लगाया कि महेश, अमित शाह के कहने पर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी मिलते थे। हार्दिक ने दावा किया कि कालेधन को छिपाने के लिए महेश शाह को मोहरा बनाया गया है। हार्दिक ने कहा, भरोसे के साथ कह सकता हूं कि अमित शाह पूरे समय महेश शाह को गाइड कर रहे थे।
भाजपा कार्यालय कमलम के CCTV फ़ुटेज चेक हो तो पता चले महेश शाह के सबँध कौन से नेता से हैं.
फ़ोन रेकोडिंग की डिटेल निकालो सब पता चलेगा.— Hardik Patel (@HardikPatel_) December 3, 2016
महेश शाह के बारे में इतना कुछ सामने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के छिपे धन की जांच कराने की मांग की है। केजरीवाल ने कहा कि शाह ने अपने धन को छिपाने के लिए गुजरात के एक प्रॉपर्टी डीलर को कर माफी योजना के तहत 13,860 करोड़ रुपये की घोषणा करने के लिए आगे किया होगा।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'अमित शाह को हार्दिक पटेल के आरोपों का जवाब देना चाहिए। बहुत गंभीर! इसकी जांच होनी चाहिए।' यह ट्वीट पटेल के आरोपों के बाद आया है। उल्लेखनीय है कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने शनिवार को आरोप लगाया था कि आय घोषणा योजना के तहत रिकार्ड राशि घोषित करने वाले महेश शाह के पीछे 'जनरल डायर' हैं। हार्दिक ने यह विशेषण भाजपा अध्यक्ष के लिए गढ़ी है।
Amit shah shud respond to Hardik Patel's allegations. V serious. It shud be investigated. https://t.co/l77xQS1Va1
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 4, 2016
मालूम हो कि गुजरात के व्यापारी महेश शाह ने 13,860 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था। छिपे धन पर कर की राशि की पहली किस्त जमा करने से एक दिन पहले वह 29 नवंबर को फरार हो गया था। गुजरात का यह व्यापारी शनिवार को ईटीवी के स्टूडियो के सामने आया और उसने कहा कि धन की घोषणा करने के लिए कुछ व्यापारी और राजनेताओं ने मुखौटे के रूप में उसका इस्तेमाल किया गया है। हालांकि उसने किसी के नाम का खुलासा नहीं किया है।
सवाल यह उठता है कि जो शख्स निडर होकर 13 हजार 800 करोड़ रुपये से भी अधिक की रकम काले धन के तौर पर होने की घोषणा करता है, उसके बारे में आयकर विभाग ज्यादा रुचि क्यों नहीं दिखा रही है? जबकि महेश शाह ये कह रहे हैं कि इतनी बड़ी रकम उसकी नहीं होकर कुछ प्रभावशाली नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों की है। महेश शाह को आयकर विभाग ने खोजने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।
शाह जब मीडिया के सामने खुद ही हाजिर हुए तो वहां से उसे आयकर विभाग के अधिकारी पकड़कर ले गये। 12 घंटे की पूछताछ वो भी हल्के फुल्के अंदाज में। और फिर इस पूछताछ के बाद आयकर अधिकारी अगर ये पता नहीं कर सके कि शाह जिन प्रभावशाली नेता, नौकरशाह और कारोबारी की बात कर रहे हैं उनके नाम क्या हैं तो पूरी कहानी में शक और संदेह लाजिमी है।
आयकर अधिकारियों के रुख से यह साफ है कि वह महेश शाह पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बना रहे, बल्कि उसे वीआईपी सुविधा मुहैया कराया जा रहा है। आखिर यह सब किसके इशारे पर हो रहा है? देश का वो हर आदमी जो अपने पैसों के लिए बैंकों में लंबी कतार में खड़ा है, जानना चाहता है कि महेश शाह के पास इतने पैसे का स्रोत क्या है? अगर महेश शाह कह रहा है कि उसके पास जमा धन के पीछे रसूखदार नेता, नौकरशाह और कारोबारी हैं तो आयकर विभाग को उन रसूखदार लोगों के नाम शाह से उगलवाकर सार्वजनिक करने चाहिए।