हरियाणा में लगातार दूसरी बार मनोहर राज : खट्टर बने सीएम, दुष्यंत चौटाला बने डिप्टी सीएम
सत्ता विमर्श ब्यूरो
चंडीगढ़ : हरियाणा की 14वीं विधानसभा के लिए 65 साल के मनोहर लाल खट्टर ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 31 साल के जननायक जनता पार्टी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने दोनों को शपथ दिलाई। नई सरकार में भाजपा को जजपा और 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है। मंत्रियों का शपथ ग्रहण दिवाली के बाद होगा।
खट्टर के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उनके बेटे सुखबीर बादल भी पहुंचे। इसके अलावा चौटाला परिवार से नैना चौटाला, दुष्यंत चौटाला की पत्नी मेघना भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं। दुष्यंत के पिता अजय सिंह चौटाला भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। अजय चौटाला को दो हफ्ते की फरलो मिली है।
मालूम हो कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में अलग-अलग और एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली भाजपा और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने मिलकर हरियाणा में नई सरकार बनाई है। समझौते की राजनीति के तहत भाजपा ने यह फैसला किया है। इससे पहले भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का ऐलान करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि कई निर्दलीय विधायकों का भी इस गठबंधन को समर्थन हासिल है। अमित शाह ने दुष्यंत की मौजूदगी में कहा था कि उन्होंने हरियाणा के हित में भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने भाजपा के समर्थन के लिए अपने दादा चौधरी देवीलाल का जनसंघ के साथ रिश्ते का भी हवाला दिया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार अगले पांच साल तक हरियाणा के विकास को मोदीजी के नेतृत्व में आगे ले जाएगी। हरियाणा की जनता ने जो जनादेश दिया है, उसकी भावना को ध्यान रखकर भाजपा और जजपा, दोनों के नेताओं ने यह निर्णय लिया है।
जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश को एक स्थिर सरकार मिले, इसके लिए भाजपा और जजपा का साथ आना जरूरी था। उन्होंने कहा कि जजपा की नेशनल एग्जिक्युटिव और लेजिस्लेटिव बोर्ड ने मिलकर फैसला किया कि प्रदेश के हित के लिए आज स्थिरता की बहुत जरूरत है। दुष्यंत ने अपने दादा देवीलाल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी अलग-अलग मौकों पर जनसंघ का साथ दिया था। मैं मानता हूं कि जनसंघ के समय से चौधरी देवीलालजी जब ऐक्टिव पॉलिटिक्स में थे या उसके बाद, आज तक हम अलग-अलग समय में साथ मिलकर चले हैं। आज भी प्रदेश को जरूरत है कि उसे प्रगतिशीलता के पथ पर आगे ले जाने के लिए हमें मिलकर चलना पड़ेगा।
मनोहर लाल खट्टर ने भी कहा कि दोनों पहले भी एक-दूसरे का समर्थन करते आए हैं। हरियाणा में इस बार जो जनादेश मिला, उसे हम स्वीकार करते हैं। चूंकि इस जनादेश में बहुमत से भाजपा पीछे रही, इसलिए एक स्थाई सरकार देने के लिए हमने गठबंधन करने का फैसला किया है। हमने पहले भी गठबंधन किया है, एक दूसरे का साथ दिया है। इसलिए हम फिर से साथ आए हैं। निर्दलीय विधायकों के सरकार में शामिल होने के सवाल पर खट्टर ने कहा, कई लोगों ने समर्थन दिया है। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 40 सीटें जीती हैं, जजपा को 10 सीटों पर विजय मिली है। सात निर्दलीय विधायकों के भी भाजपा को समर्थन देने की बात सामने आई है। 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में सरकार गठन के लिए 46 विधायकों की जरूरत है।