'अनोखा राष्ट्रवाद' से परहेज करिए सरकार
कश्मीर में यूरोपीयन संघ के सांसदों को सैर-सपाटा की इजाजत देना, लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं देना, क्या यह मोदी सरकार का अपना अनोखा राष्ट्रवाद नहीं है? सरकार शायद यह भूल गई कि लोकतंत्र में ऐसे बनावटी दौरे नहीं होते हैं। बड़ा सवाल यह कि आखिर कश्मीर में ऐसे हालात क्यों पैदा किए गए कि आपको विदेशी सांसदों के नजरिये का सहारा लेना पड़ा। भारत सरकार का यह कदम भारत और भारतीय लोकतंत्र की खराब तस्वीर को पेश करता है। सरकार को इससे बचना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने की संवैधानिक वैधता की अक्टूबर में समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 को समाप्त किया जाना संवैधानिक है या नहीं इस मामले में दायर याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट अक्टूबर के पहले सप्ताह में करेगा। इस मामले की सुनवाई पांच जजों की संविधान पीठ करेगी।
जम्मू कश्मीर में मौलिक अधिकारों के हनन के खिलाफ आईएएस अधिकारी गोपीनाथन ने दिया इस्तीफा
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार की सख्ती को आभासी आपातकाल की संज्ञा देकर देश में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
कश्मीर पर यूएनएससी ने बंद कमरे में की बैठक, भारत ने कहा- आर्टिकल 370 हमारा आंतरिक मामला
जम्मू-कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मीडिया से भारतीय रुख की चर्चा करते हुए बताया कि संविधान के अनुच्छेद 370 संबंधी मामला पूर्ण रूप से भारत का आतंरिक मामला है और इसका कोई बाह्य असर नहीं है।