लोकसभा में औंधे मुंह गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, समर्थन में 126 और विरोध में पड़े 325 वोट
लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को वोटिंग के बाद औंधे मुंह गिर गया। औंधे मुंह इसलिए क्यों कि अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में 325 वोट पड़े जबकि पक्ष में महज 126 वोट पड़े।
अविश्वास प्रस्ताव पर गुणा भाग कर चुकी है भाजपा
कांग्रेस के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धमक के साथ लोकसभा में वर्तमान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा लेकिन स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद ऐसा ही प्रस्ताव आन्ध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिलाने के नाम पर टीडीपी लाई तो स्वीकार कर लिया गया। शुक्रवार को इस पर चर्चा और फिर शाम को वोटिंग होगी। लगभग 15 साल के अंतराल के बाद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पटल पर रखा गया है। अब तक जो भारतीय जनता पार्टी इस प्रस्ताव को लेकर बेहद अनमनी सी दिख रही थी वही अब विपक्ष के हर वार का जवाब देने को तत्पर दिख रही है।
आंध्र प्रदेश की लड़ाई को कांग्रेस पार्टी का मिला साथ, अविश्वास प्रस्ताव का दिया नोटिस
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की लड़ाई को अब कांग्रेस पार्टी का भी साथ मिल गया है। शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने भी नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। लोकसभा में सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा महासचिव को इस बाबत पत्र लिखा है।
हंगामे की वजह से लोकसभा में पेश नहीं हो सका अविश्वास प्रस्ताव
लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सोमवार को भी पेश नहीं हो पाया। लोकसभा में अजीब ही नजारा दिखा। मोदी सरकार के खिलाफ टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों के साथ मिलकर सदन में हंगामा करते दिखे।
जानिए! कौन हैं 10 राज्यों से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित वो 33 सांसद
उच्च सदन के लिए गुरुवार को 7 केन्द्रीय मंत्रियों समेत 33 प्रत्याशियों को निर्विरोध चुन लिया गया। गुरुवार की दोपहर तीन बजे नामांकन वापसी की समय-सीमा खत्म हो जाने के बाद विभिन्न राज्यों के निर्वाची पदाधिकारी ने सभी निर्वाचित सदस्यों को प्रमाणपत्र सौंपा। बाकी की 25 सीटों पर आगामी 23 मार्च को चुनाव होगा।
भारी हंगामे की भेंट चढ़ा बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला दिन
संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। नरेंद्र मोदी के संसद पहुंचने पर एक तरफ जहां भाजपा सांसदों ने उनका जोरदार स्वागत किया, वहीं टीडीपी सांसदों ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने का विरोध किया। पीएनबी फ्रॉड को लेकर भी विपक्षी दलों ने नारेबाजी की। इसके चलते दोनों सदनों में कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में सरकार की सहयोगी दल टीडीपी ने किया हंगामा
केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने बजट में आंध्रप्रदेश की अनदेखी को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा किया। टीएमसी ने भी लोकसभा में जमकर हंगामा किया। बाद में पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतों के विरोध में संसद परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
पृथक तेलंगाना की राह साफ: रास में पास हुआ बिल
अब तेलंगाना देश का 29वा राज्य होगा। इसकी सम्मति संसद ने दी है। लोकसभा के बाद उच्च सदन राज्यसभा ने भी भारी हंगामे के बीच गुरुवार को तेलंगाना बिल पास कर दिया। बिल में कई संशोधनों को भी पास किया गया। इसके साथ ही गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सीमांध्र को 5 सालों के लिए विशेष दर्जा देने की घोषणा की। इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी तेलंगाना बिल पर सरकार की ओर से बात रखी। जिस वक्त पीएम बयान दे रहे थे सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। पीएम ने हंगामे के बावजूद अपना पूरा बयान पढ़ा, लेकिन उनके शोरगुल की वजह से उनके बयान को कोई सुन नहीं पा रहा था। कई सांसद बिल की प्रति फाड़कर पीएम के ऊपर फेंक रहे थे।
माननीयों ने फिर किया शर्मसार
माननीयों की बेशर्मी इन दिनों अपने चरम पर है। मात्र छह दिनों के भीतर चुने गये प्रतिनिधियों ने देश की जनता के साथ बार-बार धोखा किया है। अभी 13 फरवरी के पेपर स्प्रे कांड की आग ठण्डी भी नहीं हो पाई थी कि राज्यसभा, उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर विधान सभा की घटनाओं ने आग में घी डालने का काम कर दिया है। राज्यसभा में टीडीपी सांसद ने सेक्रेटरी जनरल से धक्का-मुक्की की तथा उनके हाथ से कागज छीनने की कोशिश की। उधर, उत्तर प्रदेश में रालोद के विधायकों और जम्मू कश्मीर विधान सभा में पीडीपी विधायक की करतूत से जमकर हंगामा हुआ। उप्र में चीनी मिल मालिकों के खिलाफ बसपा और राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों ने हंगामा किया। इस दौरान आरएलडी विधायकों ने सारी हदें पार करते हुए सदन में ही अपनी शर्ट फाड़ी और हंगामा शुरू कर दिया।
तेलंगाना बिल पर संसद में बवाल, 17 सांसद निलंबित
देश ने अब तक लोकतंत्र के मंदिर यानी संसद की ऐसी तस्वीर नहीं देखी थी, जो गुरूवार को 'माननीय सदस्यों' ने दिखाई। तेलंगाना मुद्दे को लेकर जमकर उत्पात हुआ, कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा और बाद में स्पीकर मीरा कुमार ने आन्ध्र के 17 सांसदों को निलंबित कर दिया।