केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारतीय अर्थव्यव्स्था में मंदी को लेकर अजीबोगरीब तर्क दिया है। उन्होंने आर्थिक मंदी को फिल्मों की कमाई से जोड़ते हुए कहा कि तीन-तीन फिल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं, तो फिर देश में मंदी है कहां।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी को एक बार फिर से बड़ा जनादेश दिया है। यह जनादेश खासतौर से उन नेताओं तथा उम्मीदवारों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने चुनाव के दौरान अथवा इससे पहले विवादित बयान देकर नफरत की राजनीति के बूते चुनाव जीतने की एक खतरनाक कोशिश की थी। सच जानिए तो दिल्ली जनादेश के कई मायने हैं जिसे घोर सांप्रदायिक पार्टी भाजपा समेत सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को समझने की जरूरत है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दिल्ली के मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी का जो काम देखा है, उसकी काम करने की जो नीयत देखी है, उस पर अपना भरोसा जताया है। कहने का मतलब यह है कि कहीं न कहीं काम की राजनीति, सही मायने में विकास की राजनीति को लोगों ने पसंद किया है और भारतीय राजनीतिक परिवेश में यह बदलाव बहुत बड़ी चीज है, क्योंकि देश भर में इसका एक संदेश जाएगा कि जनता काम पर वोट करने लगी है।