जम्मू-कश्मीर से लद्दाख अलग, अब कैसा होगा राज्य का स्वरूप?
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी सभी खंडों को पूर्ण रूप से खत्म कर दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अधिसूचना पर दस्तखत कर दिया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हो गया है। राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना पर दस्तखत करने के साथ ही अब जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के सारे कानून लागू हो गए हैं।
जस्टिस रंजन गोगोई बने भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश, न बंगला न कार और न कोई कर्ज
जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में सुबह 11.45 बजे के करीब उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शपथ दिलाई। वह सीजेआई बनने वाले पूर्वोत्तर से पहले जज हैं।
जस्टिस दीपक मिश्रा ने देश के 45वें CJI के तौर पर ली शपथ
देश के 45वें मुख्य न्यायधीश के तौर पर जस्टिस दीपक मिश्रा ने शपथ ले ली है। राष्ट्रपति राम कोविंद ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद एवम् गोपनियता की शपथ दिलाई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य लोग वहां मौजूद थे। वो जस्टिस जगदीश सिंह खेहर की जगह लेंगे। मिश्रा आगामी 14 महीनों तक इस पद पर बने रहेंगे और अक्टूबर 2018 में उनका कार्यकाल पूरा हो जाएगा।
राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्र को किया संबोधित, कहा- न्यू इंडिया में गरीबी के लिए कोई जगह नहीं
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को 71वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कोविंद ने कहा कि 2022 तक भारत न्यू इंडिया बनेगा जहां गरीबी की कोई जगह नहीं होगी। कोविंद ने कहा कि जिस न्यू इंडिया की बात हो रही है उसके कुछ बड़े स्पष्ट मापदंड हैं जैसे हर परिवार के लिए घर, बिजली, बेहतर सड़कें और संचार माध्यम, आधुनिक रेल नेटवर्क, तेज और सतत विकास।
इस देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता और भारतीय व परंपराओं, मूल्यों का संरक्षक: राष्ट्रपति कोविंद
देश के 14वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद रामनाथ कोविंद ने कहा, मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से आया हूं। मेरी यात्रा लंबी रही है, लेकिन ये यात्रा सिर्फ मेरी नहीं रही है, बल्कि मेरे देश और समाज की यही गाथा है। विभिन्नता और विविधता को देश की ताकत बताते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा, हम अलग-अलग जरूर है, लेकिन एकजुट हैं। विविधता ही हमारा आधार है जो हमें अद्वितीय बनाता है।
रायसीना हिल्स में भाजपा के राम
स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीत कर रायसीना हिल्स की शोभा बढ़ायेंगे। रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर उम्मीद के मुताबिक चुने जा चुके हैं। एक बार फिर इस उम्मीदवारी की पटकथा लिखी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने। हमेशा की तरह सबको चौंकाते हुए एक ऐसे शख्स को आगे किया जिसके बारे में चर्चा तक नहीं थी। एक तीर से कई निशाने साधे। दलितों की राजनीति करने वालों को दलित प्रेमी होने का एहसास कराया तो भविष्य के चुनावों के लिए खास वोट बैंक को भी साधने का प्रयास किया है।
बेकाबू भीड़ पर राष्ट्रपति ने जताया ऐतराज, कहा- हमें कुछ देर रूक कर सोचने की जरूरत
भारत में बेकाबू भीड़ द्वारा दण्डित किए जाने की घटनाओं पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है। सवाल किया है कि क्या हमारा समाज देश के मूल्यों को लेकर सजग है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी शांति और एकता की बात की।
प्रणब दा को मोदी में दिखता है नेहरू और इंदिरा का अक्स
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को जनता से बेहतर संवाद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने माना कि मोदी में उन्हें वही गुण दिखते हैं जो पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी में थे। दोनों ही अपनी बात बेहतरीन ढंग से कहने में दक्ष लोगों में शामिल हैं तथा उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। राजग सरकार के तीन साल पूरा होने पर एक पुस्तक लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने विभिन्न नई पहल की हैं तथा उनके कुछ निर्णय युग प्रवर्तक हैं।
असहिष्णुता के लिए भारत में कोई जगह नहीं: प्रणब मुखर्जी
ष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालयों को सुझाव दिया कि वे अशांति के माहौल को बढ़ावा देने के बजाए तर्कसंगत बहस की प्रवृति को बढ़ायें। उन्होंने अपील की कि देश में किसी भी असहिष्णु भारतीय के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा जो हिंसा को प्रोत्साहित करते हैं उन्हें ध्यान देना चाहिए कि इतिहास चंगेज खान या हिटलर को नहीं बल्कि बुद्ध, अशोक और अकबर को हीरो के तौर पर याद करता है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही शुरू हुआ संसद का बजट सत्र
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के साथ ही संसद के बजट सत्र का आगाज हो गया है। मुखर्जी ने संसद के बजट सत्र को संबोधित करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में बाद पहली बार रेल बजट अलग से नहीं लाया जाएगा। सरकार ने इस वर्ष से रेल बजट को भी आम बजट का हिस्सा बना दिया है, पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था।