राजनीति की ए बी सी डी हमने अटल जी से सीखी : अरविन्द गुप्ता
साल 1975 में जनसंघ के समय से ही सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाले अरविन्द राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में निचले स्तर पर काम करते हुए भाजपा की राजनीति तक पहुंचे। अरविन्द गुप्ता अटल जी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं और उनका कहना है कि राजनीति की ए बी सी डी हमने उन्हीं से सीखी। वरिष्ठ पत्रकार जयराम ने सत्ता विमर्श के लिए उनके प्रारंभिक और राजनीतिक जीवन पर विस्तार से बातचीत की।
देखिए! प्रधान सेवक की बात के.के. पांडेय के साथ, एपिसोड-5 ; गंगा संरक्षण और जी.डी. अग्रवाल की कुर्बानी
'प्रधानसेवक की बात' की 5वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण किशोर पांडेय (के.के.पांडेय) ने गंगा सफाई अभियान और अविरल गंगा की मांग को लेकर प्रो. जीडी अग्रवाल के बेमियादी अनशन के दौरान दिवंगत होने जैसे मुद्दे पर मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
देखिए! प्रधान सेवक की बात के.के. पांडेय के साथ, एपिसोड-4 : राफेल सौदा विवाद
'प्रधानसेवक की बात' की चौथी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण किशोर पांडेय (के.के.पांडेय) ने राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं और प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी से इसपर स्पष्टीकरण देने की मांग की है।
देखिए! प्रधान सेवक की बात के.के.पांडेय के साथ, एपिसोड-3 : महंगाई की मार
'प्रधानसेवक की बात' की तीसरी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण किशोर पांडेय (के.के.पांडेय) ने देश में पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों और उससे बढ़ती महंगाई को लेकर मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
नेहरू के राष्ट्रवाद का कोई मुकाबला नहीं : गीतेश शर्मा
साक्षात्कार कार्यक्रम के ताजा संस्करण में सत्ता विमर्श ने वयोवृद्ध पत्रकार, वामपंथी विचारधारा से नाता रखने वाले चिंतक और लेखक गीतेश शर्मा (86) ने एक खास बातचीत में भारत में राष्ट्रवाद और वियतनाम को लेकर कई सटीक बातें की। गीतेश जी का स्पष्ट मानना है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के राष्ट्रवाद का कोई मुकाबला नहीं है।
देखिए! प्रधान सेवक की बात के.के.पांडेय के साथ, एपिसोड-2 : अभिव्यक्ति की आजादी
'प्रधानसेवक की बात' की दूसरी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण किशोर पांडेय (के.के.पांडेय) ने देश में अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर मोदी सरकार के आचार और व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। पेश है 'प्रधानसेवक की बात के.के. पांडेय के साथ' कार्यक्रम की दूसरी कड़ी...
जेएनयू में छात्र राजद ही सबसे मजबूत विकल्प : जयंत जिज्ञासु
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव को लेकर कैंपस में इन दिनों काफी हलचल है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अपना आधार मजबूत करना चाहती है और और इसकी शुरूआत जेएनयू से की गई है। छात्र राजद के इस सपने को साकार करने की जिम्मेदारी मिली है एआईएसएफ के जेएनयू सचिव रहे जयंत जिज्ञासु को।
देखिए : प्रधान सेवक की बात के.के.पांडेय के साथ, एपिसोड-1 : सवालों की फेहरिस्त
'प्रधान सेवक की बात' की पहली कड़ी में वयोवृद्ध पत्रकार के.के.पांडेय 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी के उन वायदों पर सवालों की फेहरिस्त लेकर आए हैं जो उन्होंने चुनाव जीतने के बाद अपने चार साल से अधिक के कार्यकाल में पूरे नहीं किये। सवालों की सूची वाले इस कार्यक्रम में अलग-अलग एपिसोड में अलग-अलग वायदे, उस दिशा में सरकारी प्रयासों की जमीनी हकीकत को बताते हुए प्रधान सेवक से सवाल किए जाएंगे।
बिहार में इन तीन उपायों से कांग्रेस करेगी वापसी : राजेश लिलोठिया
राजेश लिलोठिया कांग्रेस पार्टी के कद्दावर युवा और दलित नेता हैं। दिल्ली के पटेल नगर से दो बार विधायक रहे हैं। सत्ता विमर्श ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में बिहार कांग्रेस के प्रभारी सचिव पद पर नियुक्त राजेश लिलोठिया से लंबी बातचीत की और उनसे यह जानने का प्रयास किया कि कांग्रेस ने बिहार में अपने खोये जनाधार को पाने के लिए जो रोडमैप तैयार किया वह आने वाले वक्त में कितना कारगर होगा।
स्टिंग दर्द नहीं दवा है 'आप' के लिए
स्टिंग के दर्द को इन दिनों 'आप' भी झेल रही है। 'आप' यानी आम आदमी पार्टी। वो पार्टी जो खुद गुपचुप तरीके से भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने का दम भरती रही है और आज इसे ही बेनकाब करने का दावा किया जा रहा है। 'आप' की बुनियाद भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन रहा है। इसे पार्टी की यूएसपी ही कहेंगे कि आमजनों में ये परंपरागत पार्टियों से हटकर दिखती हैं। इसके नेता आम लोगों जैसे हैं।