साजिश? हां, यह साजिश ही तो है
अर्थव्यवस्था के विकास का अर्थशास्त्र बताता है कि इसका फल वर्गों में मिलता है। मसलन विकास का 80 फ़ीसदी धन देश के एक फ़ीसदी लोगों के पास संग्रहित हो जाता है। परिणामस्वरूप हर महीने 30-40 अरबपति उत्पन्न हो जाते हैं। साथ ही जो पहले से अमीर हैं वे और अमीर हो जाते हैं। दूसरी ओर विकास का 20 फीसदी धन देश के 80 फीसदी में बंटता है। इनमें भी किसी को मिलता है किसी को नहीं मिलता है। इससे जो गरीब हैं वह और गरीब हो जाते हैं।
भाजपा को कांग्रेस से नहीं, वामपंथ से लगता है डर इसलिए रच रही है साजिशें : येचुरी
मध्यप्रदेश के इंदौर में भाजपा विरोधी दलों द्वारा आयोजित साझा विरासत कार्यक्रम में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा को कांग्रेस से नहीं वामपंथ से डर लगता है। यही वजह है कि देश में वामपंथ विरोधी माहौल बनाने की केंद्र सरकार साजिशें रच रही है।