संतों की परम धर्मसंसद के बाद अब VHP की धर्मसंसद शुरू, राम मंदिर पर लिया जाएगा फैसला
प्रयागराज में संगम तट पर विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद गुरुवार दोपहर एक बजे शुरू हो गई। धर्म संसद से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच मुलाकात हुई। माना जा रहा है कि एक फरवरी को इस धर्म संसद में राम मंदिर मुद्दे पर प्रस्ताव आ सकता है।
फिर से राम मंदिर का मुद्दा
सरसंघचालक मोहन भागवत ने यह मांग कर के कि सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए शीघ्र कानून बनाए, असल में सरकार की दुखती रग को छेड़ दिया है। राम मंदिर बनाने का मुद्दा बहुत पुराना है और देश के लिए यह एक ऐसा सवाल बन गया है जिस पर हर दृष्टिकोण से विचार करने की जरूरत होती है। यह सिर्फ धार्मिक मामला नहीं है, यह सिर्फ सांप्रदायिक भी नहीं है, लेकिन कुल मिलाकर बातें ऐसे उलझ गई है कि उनको सुलझाने में न्यायपालिका को भी अच्छी खासी कसरत करनी पड़ेगी। यह मुद्दा भावनात्मक बन चुका है।
संघ का अविश्वास
हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से दो ऐसे बयान आए हैं जो देश के संविधान के प्रति उसके अविश्वास को दर्शाते हैं । सरसंघचालक मोहन भागवत ने डंके की चोट पर कह डाला है कि उन्हें देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास नहीं है। उन्होंने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उंगली उठाई है तो एक बार फिर राम मंदिर के जरिए हमारे संविधान को चुनौती देने का काम किया है। उन्होंने कहा है कि राम मंदिर पर अलग कानून बनाने की जरूरत है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर कहा कि राम मंदिर का बनना गौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा। तो क्या संघ प्रमुख के इस बयान को सरकार और कोर्ट पर दबाव बनाने की राजनीति ना करार दिया जाए?
सरसंघचालक की न्याय से टूटी आस, कहा- राम मंदिर निर्माण को कानून लाए मोदी सरकार
राम मंदिर निर्माण को लेकर आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने केंद्र की मोदी सरकार से अपील की है कि वह कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे। राम मंदिर का निर्माण स्वगौरव की दृष्टि से जरूरी है और मंदिर बनने से देश में सद्भावना एवं एकात्मता का वातावरण बनेगा।
सरसंघचालक मोहन भागवत ने माना; असली समस्या आरक्षण की राजनीति है, आरक्षण नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 'भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण' कार्यक्रम के आखिरी दिन मोहन भागवत ने लोगों के सवालों के जवाब दिए। इसी क्रम में आरक्षण पर मोहन भागवत ने कहा कि आरक्षण असली समस्या नहीं है, बल्कि असली समस्या तो आरक्षण की राजनीति है।
सरसंघचालक ने माना; आजादी के आंदोलन में कांग्रेस ने निभाई थी बड़ी भूमिका, दिए कई महापुरूष
सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस बात को स्वीकार किया है कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी और भारत को अनेक महापुरुष दिए। 'भविष्य का भारत : आरएसएस दृष्टिकोण' नामक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए देश ने जो संघर्ष किया, उसकी वजह से देश को कई महान नेता मिले।
खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता मानता है RSS, लोग इस भाषा का जवाब देंगे : ओवैसी
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, यह आरएसएस की विचार पद्धति है जिसके तहत वे खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता समझते हैं। आरएसएस की पिछले 90 सालों से यही भाषा शैली रही है। मुझे इस पर आश्चर्य नहीं है। लोग इस भाषा का जवाब देंगे।
सदियों की पीड़ा को खत्म करने के लिए भागवत ने हिन्दुओं से एकजुटता का किया आह्वान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दुनिया के हिन्दुओं से एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि हिन्दू न तो किसी का विरोध करते हैं और न ही वर्चस्व की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समुदाय को सदियों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए संगठित होने की जरूरत है।
भारत की एकता की ताकत क्या होती है जल्द ही समझ जाएंगे मोदी, शाह और भागवत : राहुल गांधी
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कहा कि पूरा विपक्ष एकजुट हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आगामी छह से एक महीने में भारत की 'मजबूती' के बारे में जानेंगे।
सरसंघचालक बोले- संघ जो है वही रहेगा, प्रणब मुखर्जी जो हैं वही रहेंगे तो फिर हंगामा किस बात का
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर उठे विवाद के बीच सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि ये बिना मतलब की बहस है। प्रणब मुखर्जी के भाषण से ठीक पहले अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद मुखर्जी भी वही बने रहेंगे जो वो हैं और संघ भी वही बना रहेगा जो वो है।