कहते हैं काशी की गलियों में ही उसकी आत्मा बसती हैं लेकिन साहेब का फरमान है कि इन गलियों को खत्म कर इसे क्योतो बना दो। साहेब ठहरे गुजरात के। इन्हें क्या पता काशी यानी बनारस का रस इन्हीं गलियों में है। साहेब के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर की योजना दरअसल मंदिर के प्रांगण का विस्तारीकरण है। इस विस्तारीकरण के तहत एक कॉरिडोर का निर्माण होना है जिससे काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा के घाट एक-दूसरे के सीधे संपर्क में आ जाएंगे।