उत्साह जगाने में नाकाम विकास सरकार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए लेकिन सरकार के लिए चिंतित होने की एक और वजह है और वह है भारतीय कॉर्पोरेट जगत की चुप्पी। भारत के मुखर लोकतंत्र का यह तबका निश्चित रूप से कम मुखर है। कॉर्पोरेट जगत सरकार के बारे में सार्वजनिक राय रखने में भी अधिक एहतियात बरतता है।