मध्यस्थता पर कांव-कांव
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का फिलहाल अंत होता नहीं दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल बनाकर मसले को कम से कम लोकसभा चुनाव तक तो टाल ही दिया है। विवाद में दो ही पक्ष हैं। दोनों पक्षों की नुमाइंदगी करने वाले नेताओं के कांव-कांव जब इस तरह से सामने आ रहे हों तो फिर मध्यस्थता पैनल में शामिल लोगों की मध्यस्थता का रिजल्ट किस रूप में सामने आएगा? सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। हां, एक बात जरूर होगी कि तब तक चुनाव हो जाएगें, नतीजे भी आ जाएंगे, नई सरकार का गठन भी हो जाएगा और फिर चार साल की छुट्टी। क्योंकि मुद्दा वोट की सियासत का जो है।
मध्यस्थों से पहले उमा भारती ने सुनाया फैसला; जहां पर रामलला हैं वहां सिर्फ राम मंदिर बनेगा
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले को मध्यस्थता पैनल के जरिए सुलझाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि जहां पर रामलला हैं वहां राम मंदिर के अलावा किसी और धार्मिक स्थल कैसे बन सकता है।
उमा भारती ने 2019 में चुनाव नहीं लड़ने का किया ऐलान, गंगा और राम मंदिर के लिए करेंगी काम
भाजपा की कद्दावर नेत्री और हिन्दुत्व का प्रमुख चेहरा उमा भारती ने 2019 में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। इससे पहले पार्टी की एक और कद्दावर नेत्री तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं।
बातों-बातों में बोल गईं भाजपा नेत्री उमा भारती; राम मंदिर पर सिर्फ भाजपा का एकाधिकार नहीं
केंद्रीय मंत्री और अयोध्या आंदोलन की अगुवा में गिनी जाने वाली उमा भारती ने कहा है कि अब राम मंदिर का निर्माण न करने का कोई बहाना नहीं चलने वाला। उमा ने बातों-बातों में यह भी कह गईं कि भगवान राम सिर्फ भाजपा के नहीं हैं। राम मंदिर पर सिर्फ भाजपा का एकाधिकार नहीं है।