भारत में रोजगार संकट बेपर्दा
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के पिरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे की रिपोर्ट को मानें तो पिछले 45 सालों की तुलना में साल 2017-18 में देश में सबसे अधिक 6.1 प्रतिशत बेरोजगारी रही। इन नए आंकड़ों से तय मानिए, रोजगार संकट बेपर्दा हो गया है क्योंकि इस वक्त देश में रोजगार की हालत पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा खराब है।
चार साल बाद मोदी के युवा भारत में कहां खड़ा है युवा?
चार बरस पहले युवाओं की उम्मीदों ने नरेंद्र मोदी को युवा भारत का प्रधानमंत्री बनाया, ताकि युवाओं की सारी परेशानियों का अंत हो सके। आज देश के भीतर युवाओं की चिंताओं को देखते हुए यह सवाल उठना लाजिमी है कि बीते चार बरस में युवा भारत के युवाओं को कितनी नौकरियां मिली? युवा भारत के युवाओं का विकास दर क्यों 2014 की उम्मीदों और दावों के विपरीत खड़ा है?
चुनौतियों के भंवर में भारतीय अर्थव्यवस्था
कृष्ण किशोर पांडेय
मोदी जी! देश का वक्त बर्बाद करना बंद करिए : राहुल गांधी
अमेठी के तीन दिवसीय दौरे पर बुधवार को जगदीशपुर के कठौरा गांव पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक चौपाल में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगर 'किसान और रोजगार' इन दो बड़े मुद्दों का समाधान अगर नहीं कर सकते तो कह दें, हम इस काम को छह महीने में करके दिखा देंगे। राहुल ने कहा, मोदी जी को देश का वक्त बर्बाद करना बंद करना चाहिए और युवाओं को रोजगार देना चाहिए।
युवाओं को रोजगार देने में विफल मोदी सरकार पर राहुल ने साधा निशाना
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया भर में तेजी से बढ़ती बेरोजगारी से परेशान लोग नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प जैसे नेताओं को चुन रहे हैं। राहुल ने साथ ही इस बात को स्वीकार किया कि उनकी पार्टी जब सत्ता में थी तो पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर सकी और यही 2014 में कांग्रेस की हार का कारण बना।
जीएसटी की वजह से छिन रहे हैं गरीबों के रोजगार : अजय माकन
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) इस तरीके से बनाया है कि उद्योगपतियों को फायदा पहुंच रहा है और लघु व छोटे उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।
जागो सरकार जागो : देश में हर घंटे एक स्टूडेंट कर रहा है खुदकुशी
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के वर्ष 2015 के आंकड़ों में झांके तो भारत में हर घंटे एक छात्र आत्महत्या करता है। वर्ष 2015 में, 8,934 छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामले दर्ज हुए हैं। 2015 तक पांच साल में, 39,775 छात्रों ने अपनी जान ली है। आत्महत्या की कोशिशों की संख्या तो इससे कहीं ज्यादा होने का अनुमान है। इनमें से कई का तो दुनिया को पता तक नहीं चल पाता है।