वीडियो : सुषमा स्वराज की महान शख्सियत को शत-शत नमन
सत्ता विमर्श ब्यूरो
6 अगस्त 2019 की रात भारतीयता और राजनीति के लिए सदमे की रात साबित हुई। हर भारतीय के दिल में अपनी जगह बनाने वाली महान शख्सियत सुषमा स्वराज हमारे बीच नहीं रहीं। 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। एनसीसी कैडेट से लेकर देश की सबसे चर्चित विदेश मंत्री तक सुषमा स्वराज ने हर मौके पर अपना काम पूरा किया। सुषमा स्वराज की जीवटता, भावुकता, प्रखरता और विनम्रता भारतीय राजनीति के लिए प्रेरणा थीं।
सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति का ऐसा सलोना और आकर्षक चेहरा थीं जो सत्ता के साथ-साथ विपक्ष को भी प्रशंसा के लिए बाध्य कर देती थी। उनकी आवाज में गजब का ओज था, विचारों में गजब की ताजगी थी। उनके बुलंद हौसले और निर्णय लेने की क्षमता का पूरी दुनिया लोहा मानती थी। विदेश मंत्री के रूप में एक ट्वीट पर लोगों के लिए हाजिर रहने वाली सुषमा स्वराज की जिंदगी बहुत रोचक रही। अपनी जिंदगी में उन्होंने कई कीर्तिमान गढ़े। सुषमा शर्मा और स्वराज कौशल की लव स्टोरी, फिर 13 जुलाई 1975 को आपातकाल के दौर में उनकी शादी, ऐसी अनेकानेक कहानियां उनके जीवन में समाहित थीं।
सुषमा स्वराज जैसी राजनीतिक वक्ता कोई और नहीं। संसद हो या सड़क, जब वह बोलने के लिए खड़ी होती थीं तो पिन ड्रॉप साइलेंस हो जाता था और लोग मंत्रमुग्ध होकर उनका भाषण सुनते थे। सुषमा स्वराज का एक भाषण हमेशा याद रहेगा। ये संसद में दिया उनका सबसे शक्तिशाली भाषण माना जाता है जिसमें उन्होंने कहा था, 'हां, हम साम्प्रदायिक हैं..' तब अटल बिहारी वाजपेयी ने भी सुषमा के लिए तालियां बजाई थीं। ये वही सुषमा स्वराज थीं जिन्हें लोग न सिर्फ इज्जत देते थे बल्कि प्यार भी करते थे। सुषमा स्वराज की जिंदगी देश से शुरू होकर देश पर खत्म हो गईं। सुषमा जी... काश कुछ वक्त और इस देश के साथ बितातीं तथा मानवीयता व भारतीयता के कुछ और प्रतिमान रचतीं... ऐसी महान शख्सियत को शत-शत नमन।