कश्मीर मुद्दे पर मोदी के ट्रम्प कार्ड से पाकिस्तान पस्त, इमरान ने कहा- परमाणु युद्ध में कोई नहीं जीतता
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कश्मीर मुद्दे को वैश्विक बनाने की पाकिस्तान की लगातार कोशिश और तीन बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता की बयानबाजी के बाद सोमवार को ट्रम्प ने जिस तरह इस मामले से खुद को अलग कर लिया यह भारत के लिए बड़ी जीत है पाकिस्तान की बड़ी हार। ट्रम्प ने कहा, कश्मीर में हालात सामान्य हैं। दोनों देश मिलकर ये मसला सुलझा लेंगे इसका मुझे यकीन है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा आपसी व्यापार लगातार बढ़ रहा है। भारत-अमेरिका व्यापार और आर्थिक क्षेत्र में काफी तेजी से काम कर रहे हैं। कई विषयों पर हम मिलकर काम कर रहे हैं।
सोमवार को फ्रांस के बिआरित्ज में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर मसले पर भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता से अपने कदम पीछे खींच लिए। ट्रम्प ने इस मुद्दे को पीएम मोदी पर छोड़ दिया है जबकि पीएम मोदी ने इसे भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला बताया और साफ किया कि इस पर दुनिया के किसी भी देश को कष्ट करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों को मानते हैं। दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर चलने वाले देश हैं। हमारे साझा मूल्य किस प्रकार से दुनिया के लिए काम आ सकते हैं इस पर हमारी बात होती रहती है। सबसे ताकतवर देशों के मंच से पीएम मोदी ने यह भी बता दिया कि कश्मीर पर हालात पूरी तरह से काबू में हैं जिसकी पुष्टि खुद ट्रंप ने की।
इमरान ने कहा- परमाणु युद्ध के प्रति किया आगाह
कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक गलती बताते हुए कहा कि ऐसा करके उन्होंने कश्मीर की आजादी का रास्ता खोल दिया है। इमरान ने चेतावनी के लहजे में कहा कि परमाणु युद्ध में कोई भी नहीं जीतता। यह न केवल इस क्षेत्र में कहर बरपाएगा, बल्कि पूरे विश्व को इसका परिणाम भुगतना होगा। खान ने कहा कि वह 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान कश्मीर मुद्दे को उठाएंगे और न्यूयॉर्क में विश्व के नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है। उन्होंने कश्मीर के लोगों से वादा किया था कि वे उनकी रक्षा करेंगे।
इससे पहले बुधवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में न्यूयॉर्क टाइम्स से इमरान कहा, उनसे (भारतीय अधिकारियों) से बात करने का कोई मतलब नहीं है। मेरा मतलब है, मैंने हर मुमकिन कोशिश की लेकिन, दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज जब पलटकर देखता हूं तो लगता है कि शांति और बातचीत के मेरे सभी प्रयासों को उन्होंने तुष्टिकरण के तौर पर लिया। हम इससे ज्यादा कुछ कर नहीं सकते। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ टेलीफोन पर बातचीत के एक दिन बाद खान ने इस्लामाबाद स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में साक्षात्कार दिया। पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत की ओर से जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाने से पहले और इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की कोशिशें की, मगर वह असफल रही। उन्होंने संवाद के अपने प्रयासों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार खारिज करने की बात कही। इमरान खान ने कहा, जब दो परमाणु संपन्न देश आंखों में आंखें डालकर खड़े हों तो इन हालात में कुछ भी हो सकता है। यह दुनिया के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।