कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए UNSC तैयार, चीन की मांग पर शुक्रवार को बंद कमरे में होगी बैठक
सत्ता विमर्श डेस्क
संयुक्त राष्ट्र : भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देते हुए चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से चर्चा करने की मां की थी जिसे मान लिया गया है। विशेष दर्जा वापस लेने के भारत के कदम पर शुक्रवार को यहां बंद कमरे में चर्चा होगी।
राजनयिकों ने न्यूज एजेंसी एएफपी को यह जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष पोलैंड ने इस मुद्दे को चर्चा के लिए शुक्रवार सुबह 10 बजे (1400 जीएमटी) सूचीबद्ध किया है। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में हो रहा है जब हॉन्गकॉन्ग में 10 हफ्तों से चल रहे लोकतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, हॉन्ग कॉन्ग मसले पर भी संयुक्त राष्ट्र ने अहम बैठक बुलाने का फैसला किया है। सुरक्षा परिषद में कश्मीर मसले पर चर्चा अपने आप में काफी दुर्लभ मामला है। पिछली बार 1965 में इस मसले पर सुरक्षा परिषद की पूर्ण बैठक में चर्चा हुई थी। शुक्रवार को होने वाली बैठक पूर्ण बैठक नहीं मानी जा रही है, बल्कि इसे बंद कमरे में चर्चा का नाम दिया जा रहा है।
इससे पहले इस्लामाबाद ने कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की थी। गुरुवार को चीन ने भी उसका साथ देते हुए यही मांग दोहराई है। जिसपर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बंद कमरे में शुक्रवार को चर्चा करने का फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में एक वरिष्ठ राजनयिक ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि पेइचिंग के करीबी सहयोगी पाकिस्तान ने इस बारे में अगस्त महीने में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पोलैंड को पत्र लिखा था। बैठक बुलाने का अनुरोध हाल ही में किया गया, हालांकि बैठक के लिए कोई समय तय नहीं किया गया है। उन्होंने बताया, चीन ने सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में शामिल ‘भारत-पाकिस्तान सवाल’ पर चर्चा की मांग की है। यह मांग पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को लिखे पत्र के संदर्भ में की गई है।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई द्विपक्षीय मुलाकात में स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का फैसला भारत का आंतरिक मामला है। यह बदलाव बेहतर प्रशासन और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए है एवं फैसले का असर भारत की सीमाओं और चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नहीं पड़ेगा।
इससे पहले, बीते हफ्ते जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस से उचित भूमिका निभाने के लिए कहा था। लेकिन तब गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते की याद दिलाते हुए कहा था कि उसमें कश्मीर मामले में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया गया है। इसके बाद, पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को एकपक्षीय और अवैध करार देते हुए कहा था कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा।