2019 में मोदी की वापसी पर पाकिस्तान ने जताया संदेह, कहा- मतदाताओं से डरी है सरकार
न्यू यॉर्क : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि आंतरिक राजनीति और चुनावी दबाव के कारण भारत, पाकिस्तान की नई सरकार से बातचीत करने को लेकर पीछे हट रही है। न्यू यार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और शाह महमूद कुरैशी के बीच बातचीत होने वाली थी। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या और मारे गए कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करते हुए पाकिस्तान द्वारा टिकट जारी किए जाने के बाद भारत ने पिछले सप्ताह बैठक रद्द कर दी थी।
एशिया सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा, 'वे अनिच्छुक क्यों हैं? साफ है कि राजनीति, चुनावी वजह है...वे मतदाताओं से डरे हुए हैं। वे मझधार में फंसे हुए हैं और उन्हें वापसी में मुश्किलें हो रही हैं। चुनाव पास है उन्हें (भारत सरकार) लगता है कि इसका विपरीत असर हो सकता है।'
हालांकि इससे पहले भारत कह चुका है कि आतंकवादियों को समर्थन दिया जाना बंद करने तक पाकिस्तान के साथ कोई बात नहीं होगी। गुरुवार को भी पाकिस्तान को झटका देते हुए स्वराज दक्षेस के विदेश मंत्रियों की बैठक से जल्दी निकल गई थीं। इस बैठक में कुरैशी भी हिस्सा लेने वाले थे। घटना के बारे में एक सवाल पर कुरैशी ने कहा, 'काश हम मुस्कराते। लेकिन मैं स्वराज के चेहरे पर भारी तनाव देख सकता हूं। और जब वह गईं, वह मीडिया से भी बात करने को इच्छुक नहीं थीं। मैं दबाव देख सकता हूं...उन पर जो राजनीतिक दबाव है, वह देख सकता हूं।'
उन्होंने कहा, 'और कुछ नहीं, राजनीति, आंतरिक राजनीति ही वजह है जिस कारण से भारत पाकिस्तान से बात नहीं करना चाहता।' उन्होंने कहा कि यह देखना दुखद था कि एक देश की जरूरत के कारण एक क्षेत्रीय मंच (दक्षेस) पर यह सब हुआ। कुरैशी ने कहा, 'आज भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। हमें इस पर कोई मलाल नहीं है। लेकिन हमें लगता है पाकिस्तान ऐसा सहयोगी है जो हमेशा अमेरिका के साथ खड़ा रहा है।' उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान की नई सरकार के साथ भागीदारी नहीं करता है तो वह मौके गंवा देगा।
'भारत के साथ युद्ध नहीं, बातचीत ही एकमात्र विकल्प'
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को ठीक करने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है बल्कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। अल जजीरा न्यूज चैनल को दिए एक साक्षात्कार में शाह महमूद कुरैशी ने यह भी कहा कि इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान की नवनिर्वाचित सरकार को भारत और अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंध विरासत में मिले हैं और वे इन दोनों प्रमुख देशों के साथ अपने संबंध सुधारने के लिए काम कर रहे हैं। इसके पहले हाल ही में न्यूयॉर्क में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की प्रस्तावित मुलाकात रद्द होने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कड़े शब्दों में भारत की निंदा की थी। इमरान खान ने अपने ट्वीट में लिखा था, शांति-वार्ता शुरू करने के मेरे प्रस्ताव पर भारत की घमंड भरी और नकारात्मक प्रतिक्रिया पर निराश हूं। इसके आगे उन्होंने बिना किसी का नाम लिए लिखा था, मेरा पाला बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां संभालने वाले ऐसे छोटे लोगों से पड़ता रहा है जिनके पास एक बड़ी तस्वीर को देखने-समझने का नजरिया नहीं होता। (मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित)