जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा धारा 370 समाप्त करने के खिलाफ पाकिस्तानी संसद में प्रस्ताव पेश
सत्ता विमर्श डेस्क
इस्लामाबाद : भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को वापस लिए जाने के खिलाफ पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र में मंगलवार को एक प्रस्ताव पेश किया गया। सत्र की शुरुआत पाकिस्तान के संसदीय मामलों के संघीय मंत्री आजम खान स्वाती ने कश्मीर घाटी में भारतीय कदम की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया।
सत्र के एजेंडे में अनुच्छेद 370 में संशोधन से संबंधित एक खंड को न जोड़े जाने को लेकर विपक्ष ने विरोध जताया, जिसके लिए सत्र को 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। विपक्ष के हंगामे के बाद सीनेटर स्वाती ने सदन के समक्ष संशोधित प्रस्ताव पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 का उल्लेख था। पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर भी आज (मंगलवार) संसद में मौजूद रहे। सत्र की अध्यक्षता नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने की। पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी, रेल मंत्री शेख रशीद, मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ संसद में उपस्थिति रहे।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि इमरान खान संसद के संयुक्त सत्र में भाग ले सकते हैं। विपक्ष ने मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी द्वारा के वक्तव्य का विरोध किया और प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को इस मुद्दे पर सदन को संबोधित करने की मांग की। विपक्ष के नेताओं ने यह भी मांग की कि उनके प्रमुख नेताओं को उपस्थित होने के लिए आदेश जारी किए जाएं, ताकि वे भी संसद के संयुक्त सत्र में भाग ले सकें। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत प्रदत्त विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने के बाद कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है।
कश्मीर के लोगों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार : पाक सेना
पाकिस्तान की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने मंगलवार को कहा कि सैन्य नेतृत्व ने कॉर्प्स कमांडरों की बैठक में कश्मीर पर भारत के कदमों को लेकर पाकिस्तान सरकार के रुख का पूरा समर्थन किया है और (कश्मीरी जनता के प्रति) अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए सेना किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
गफूर ने श्रंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 या 35ए के जरिए दशकों पहले जम्मू एवं कश्मीर पर अपने कब्जे को वैध ठहराने के भारत के प्रयासों को कभी मान्यता नहीं दी। अब इन अनुच्छेदों को भारत ने खुद ही निरस्त कर दिया है। उन्होंने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के हवाले से कहा, पाकिस्तानी सेना दृढ़ता के साथ हर मुश्किल में अंत तक कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी है। हम तैयार हैं और इस संबंध में अपने दायित्वों को पूरा करने में किसी भी हद तक जाएंगे।
रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में कमांडरों की यह बैठक भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के बाद आयोजित हुई है। इस बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने की। भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने सोमवार को राष्ट्रपति के आदेश से कश्मीर को स्वायत्तता देने वाला सात दशक पुराना विशेष दर्जा समाप्त कर दिया है।