पुलवामा हमले में पुख़्ता सबूत देने पर कार्रवाई करेंगे, हमला करने पर जवाब जरूर देंगे: इमरान ख़ान
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा आतंकवादी हमले के पांच दिन बाद अपनी जुबान खोली है। उन्होंने कहा कि हमले में ‘कार्रवाई योग्य जानकारी’ साझा करने पर साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का मंगलवार को भारत को आश्वासन दिया। लेकिन साथ ही उन्होंने आगाह किया कि उनके देश के खिलाफ कोई भी कार्रवाई किए जाने पर उसका जवाब दिया जाएगा। राष्ट्र के नाम पैगाम में खान ने एक वीडियो संदेश में कश्मीर में गत गुरुवार हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर प्रतिक्रिया की।
गौरतलब है कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी को किए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। खान ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में स्थिरता चाहता है और अगर भारत के पास सबूत या खुफिया जानकारी है तो वे हमें दें और हम कार्रवाई करेंगे।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भारतीय मीडिया के मार्फत पाकिस्तान पर हमला करने की अपील किए जाने की जानकारी मिली है। उन्होंने आगाह किया, ‘अगर भारत ने हमला किया, हम सोचेंगे नहीं, उसका जवाब देंगे।’ उन्होंने कहा, ‘युद्ध शुरू करना आसान है लेकिन खत्म करना मुश्किल।’ खान ने कहा, ‘ मैं भारत से पूछना चाहता हूं कि क्या वह अतीत में जीना चाहता है?’
उन्होंने कहा, ‘यह हमारे हित में नहीं है कि कोई यहां से बाहर जाए और आतंक फैलाए या काई यहां आए और आतंक को अंजाम दे।’ इमरान ने कहा, ‘मेरा यह जवाब भारत सरकार के लिए है। जब सऊदी के प्रिंस हमारे देश के अमह दौरे पर थे तो भला पाकिस्तान ऐसा क्यों करेगा। जब भी कश्मीर में कोई घटना हो तो पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा देना कितना उचित है। पाकिस्तान को हर बार दूसरों की गलतियों का जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘पहले तो आपने बिना किसी सबूत के पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और आपने यह भी नहीं सोचा कि आखिर पाकिस्तान को इससे फायदा कैसे होगा? दूसरी बात जब भी हमने भारत को बातचीत का ऑफर दिया तब भारत ने हमेशा आतंकवाद पर बात करने की शर्त रख दी।
मैं आपसे कहना चाहता हूं कि हम आतंकवाद पर बातचीत के लिए तैयार हैं। आतंकवाद पूरे क्षेत्र की समस्या है और हम चाहते हैं यह खत्म हो।आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को हुआ है। 15 साल में 70 हजार पाकिस्तानी आतंक के कारण मारे गए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आखिर में मैं दो बातें कहना चाहूंगा कि भारत में नए सिरे से विचार होना चाहिए। आखिरी कश्मीरी युवा इस स्थिति में क्यों पहुंच गए हैं कि उन्हें मौत से डर नहीं लग रहा है। इसका कुछ तो कारण होना चाहिए। क्या आपको लगता है कि सेना के माध्यम से एक तरफा कार्रवाई इसका समाधान है? क्या आपको लगता है कि अगर यह अभी तक नहीं पाया है तो क्या भविष्य में संभव हो पाएगा?
उन्होंने कहा कि अगर 17 सालों बाद दुनिया को यह एहसास हो गया कि अफगानिस्तान में सेना से समाधान नहीं हो सकता है बल्कि उसके लिए बातचीत होनी चाहिए तो क्या भारत को इस पर नहीं सोचना चाहिए?