दावोस में भाषण से ठीक पहले PM मोदी को WEF ने दिया झटका, उभरती अर्थव्यवस्था की सूची में पाकिस्तान से पिछड़ा भारत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री दावोस यात्रा पर हैं। वहां वो वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (EWF) यानी विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक से पहले ही समावेशी वृद्धि सूचकांक यानी इनक्लूसिव डेवलपमेंट इंडेक्स सूची EWF ने जारी की है। यह सूची भारतीय प्रधानमंत्री के लिए किसी झटके से कम नहीं है। समावेशी वृद्धि सूचकांक में भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 62वें स्थान पर है। इस मामले में भारत चीन (26वां) और पाकिस्तान (47वां) से भी पीछे है। पिछले साल भारत 60वें स्थान पर और पाकिस्तान 52वें पर था। यानी जहां भारत दो पायदान गिरा है वहीं पाकिस्तान 5 पायदान ऊपर की ओर बढ़ा है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने अपनी सालाना शिखर बैठक शुरू होने से पहले सोमवार (22 जनवरी) को यह सूची जारी की। नॉर्वे दुनिया की सबसे समावेशी आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वहीं लिथुआनिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित दुनिया के कई शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं। सूचकांक 'जीवित मानकों, पर्यावरणीय स्थिरता और भविष्य की पीढ़ियों के आगे ऋणग्रस्तता से संरक्षण' को ध्यान में रख कर बनाया गया है।
डब्ल्यूईएफ ने विश्व नेताओं से कहा कि वे तेजी से समावेशी वृद्धि और विकास के नए माडल की ओर बढ़े। मंच ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर उपलब्धि हासिल करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर निर्भरता बढ़ने से असमानता की स्थिति पैदा हो रही है। भारत पिछले साल 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 60वें स्थान पर था, जबकि चीन 15वें और पाकिस्तान 52वें स्थान पर था। वर्ष 2018 के इंडेक्स में 103 अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति की आकलन तीन निजी स्तंभों- वृद्धि एवं विकास, समावेशन और अंतर पीढ़ी इक्विटी के आधार पर किया गया है। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में 29 विकसित अर्थव्यवस्थाओं तथा दूसरे में 74 उभरती अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है।
पिछले साल 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में भारत 60 वां स्थान पर रहा था, जबकि चीन के 15 वें और पाकिस्तान की 52 वें स्थान पर था। 2018 के सूचकांक में , जो 3 अलग-अलग मानक तय किए गए हैं जिसमें 103 अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति को मापा गया है। इसमें वृद्धि और विकास, समावेश, और अंतर-पीढ़ीगत इक्विटी - को दो भागों में विभाजित किया गया है। पहले भाग में 29 उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और दूसरे 74 उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं सूचकांक ने अपने समग्र समावेशी विकास विकास स्कोर के पांच साल के रुझान के अनुसार देशों को पांच उप-श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। भारत का कुल अंक निचले स्तर पर हैं, लेकिन इसके बावजूद वह उन दस उभरती अर्थव्यवस्थाओं में हैं जो बढ़ रही हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में नॉर्वे के बाद आयरलैंड, लग्जमबर्ग, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क शीर्ष पांच में शामिल हैं।
सूचकांक में शीर्ष पर छोटे यूरोपीय देश हैं। शीर्ष दस में नौवें स्थान पर आस्ट्रेलिया एकमात्र गैर यूरोपीय देश है। जी-7 अर्थव्यवस्थाओं में जर्मनी 12वें, कनाडा 17 वें, फ्रांस 18वें, ब्रिटेन 21वें, अमेरिका 23वें, जापान 24वें और इटली 27वें स्थान पर है। शीर्ष पांच समावेशी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में लुथिआना, हंगरी, अजरबैजान, लातविया और पोलैंड है। ब्रिक्स देशों में रूस 19वें, चीन 26वें, ब्राजील 37वें, भारत 62वें और दक्षिण अफ्रीका 69वें स्थान पर है।