लोकपाल सर्च कमेटी की सदस्य अरुंधति के रिलायंस इंडस्ट्रीज में निदेशक बनने पर उठे सवाल
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की प्रमुख रही अरुंधति भट्टाचार्य अब से मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडिया लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का हिस्सा होंगी। अरुंधति की इस नियुक्ति के साथ ही इस बात को लेकर सवाल और विवाद खड़ा हो गया है कि लोकपाल सर्च कमेटी की आठ सदस्यीय समिति में रहते अरुंधति आरआईएल की स्वतंत्र निदेशक बन सकती हैं क्या? मतलब यह कि जो रिलायंस की कंपनी में निदेशक पद पर है वही लोकपाल को भी चुनेगा। तो क्या इस तरह से निष्पक्ष लोकपाल का चुना जाना संभव हो पाएगा।
मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार रोधी संस्था लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सदस्यों के नामों की सिफारिश करने के लिए आठ सदस्यीय एक खोज समिति का गठन किया था जिसमें अरुंधति भट्टाचार्य का नाम भी शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस की ओर से बताया गया है कि अरुंधति बतौर एडिशनल डायरेक्टर कंपनी के बोर्ड का हिस्सा बनी हैं। कंपनी ने यह भी बताया है कि उनकी नियुक्ति 17 अक्टूबर 2018 से (शेयरहोल्डर्स के अनुमोदन के अनुसार) अगले पांच सालों यानी सितंबर 2023 तक के लिए हुई है।
1977 में प्रोबेशनरी अफसर के रूप में एसबीआई से जुड़ने वाली अरुंधति बैंक की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला बनीं थी। 2013 में एसबीआई प्रमुख बनी अरुंधति अक्टूबर 2017 में रिटायर हुईं। अपने 40 साल की कार्य अवधि में उन्होंने ट्रेजरी, रिटेल ऑपरेशन्स, फॉरेन एक्सचेंज, इनवेस्टमेंट बैंकिंग जैसे विभिन्न विभागों में काम किया। बीते सप्ताह एक निजी इक्विटी फर्म क्रिस कैपिटल ने अरुंधति को अपना सलाहकार नियुक्त किया था।