द कारवां की रिपोर्ट : बीएस येदियुरप्पा ने भाजपा के कद्दावर नेताओं को दिए 1800 करोड़ रुपये
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, न्यायाधीशों और वकीलों को 1800 करोड़ रुपये का भुगतान किया। यह बात बीते शुक्रवार को द कारवां पत्रिका की रिपोर्ट में उजागर हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, येदियुरप्पा के हस्तलिखित डायरी की प्रविष्टियों की प्रतियों से द कारवां ने पहुंच बनाई है, जिनमें वित्तमंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी व अन्य भाजपा नेताओं को 1800 करोड़ से अधिक रकम देने का जिक्र किया गया है।
आयकर विभाग के पास 2017 से ही ये डायरी उपलब्ध है। डायरी के पन्नों की प्रतियों से पता चलता है कि येदियुरप्पा ने भाजपा केंद्रीय समिति को 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इसमें से उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को 150 करोड़ रुपये का भुगतान किया, गृह मंत्री राजनाथ सिंह को 100 करोड़ रुपये दिए और लालकृष्ण आडवाणी तथा मुरली मनोहर जोशी को 50-50 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इसके अलावा येदियुरप्पा ने गडकरी के बेटे के शादी में 10 करोड़ रुपया दिया। डायरी में ये भी जानकारी है कि येदियुरप्पा ने 250 करोड़ रुपये जजों को दिए और केस लड़ने के लिए 50 करोड़ रुपये वकीलों को दिया। हालांकि इन लोगों का नाम नहीं लिखा है।
कारवां की रिपोर्ट के मुताबिक, डायरी में लिखा है कि 17 जनवरी 2009 को भाजपा नेताओं, जजों और वकीलों को भुगतान किया गया। वहीं, 18 जनवरी 2009 को भाजपा की राष्ट्रीय समिति को पैसे दिए गए। बता दें कि येदियुरप्पा मई 2008 से जुलाई 2011 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे। डायरी के हर एक पन्ने पर येदियुरप्पा के हस्ताक्षर है। हालांकि येदियुरप्पा ने इन आरोपों से इनकार किया और कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी और उनके नेता विचारों से दिवालिया हो चुके हैं। वे मोदी जी की बढ़ती लोकप्रियता से निराश हैं, उन्होंने लड़ाई शुरू होने से पहले ही हार मान ली है। आयकर विभाग के अधिकारी पहले ही साबित कर चुके हैं कि ये दस्तावेज जाली और नकली हैं। उन्होंने आगामी चुनावों में लाभ प्राप्त करने के लिए मीडिया में कहानी रची है। कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे अप्रासंगिक और झूठे हैं। मैं संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिए वरिष्ठ वकीलों के साथ चर्चा कर रहा हूं।
भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व को किए गए कथित भुगतान के अलावा, डायरी में राज्य के विधायकों को किए गए भुगतान का भी उल्लेख है। इनमें कुछ विधायकों की 2008 में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाए जाने में भूमिका थी। उस साल के विधानसभा चुनावों में येदियुरप्पा ने कांग्रेस, जनता दल (सेक्यूलर) और निर्दलीय विधायकों को अपने पक्ष में मिलाकर बहुमत हासिल किया था। उस वक्त येदियुरप्पा को समर्थन देने वाले 6 में से 5 विधायकों को बाद में येदियुरप्पा ने कैबिनेट में शामिल किया था। इनमें से कई नेताओं के नामों का उल्लेख डायरी में है। कारवां के पास उपलब्ध एक डायरी एंट्री में लिखा है, मुझे मुख्यमंत्री बनाने में जी. जर्नादन रेड्डी की मुख्य भूमिका है। इस एंट्री के नीचे येदियुरप्पा के हस्ताक्षर हैं।
दूसरी लाइन में लिखा है, जर्नादन रेड्डी ने जिन लोगों को पैसा दिए उन लोगों का विवरण- उस एंट्री में कथित तौर पर 8 नेताओं को 150 करोड़ रुपए देने की बात लिखी है। डायरी में पी.एम. नरेन्द्रस्वामी का नाम है जिन्होंने 2008 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधान सभा चुनाव जीता था और जिन्हें येदियुरप्पा की कैबिनेट में महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था। इसमें कांग्रेस की टिकट से जीतने वाले आनंद असनोटिकर वसंत का नाम है जिन्हें मत्स्य पालन, विज्ञान और प्रोद्योगकि मंत्री बनाया गया। एंट्री में जेडीएस के टिकट से चुनाव जीतने वाले बालाचंद्रा लक्ष्मणराव जर्किहोली का नाम है जिन्हें स्थानीय निकाय मंत्री बनाया गया। आनंद असनोटिकर ने जनवरी 2018 में भाजपा से इस्तीफा दे दिया और जेडीएस में शामिल हो गए। इन 8 नेताओं में से 7 नेताओं के नाम के आगे 20 करोड़ रुपए दर्ज हैं। जर्किहोली के नाम के आगे 10 करोड़ रुपए दर्ज है।