आयकर संशोधन विधेयक-2016 लोकसभा में पेश, अघोषित आय वालों पर कसेगा शिकंजा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली :मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को प्रतिबंधित करने के दो हफ्ते से अधिक गुजर जाने के बाद कालाधन की धरपकड़ के लिए सोमवार को संसद के निचले सदन लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर संशोधन विधेयक 2016 पेश किया। इसके तहत बेहिसाबी आय की घोषणा करने वालों के लिए नई दरों से टैक्स और जुर्माने का प्रावधान है।
इस आयकर संशोधन विधेयक के तहत यह प्रस्ताव रखा गया है कि नोटबंदी के 50 दिनों के दौरान अघोषित आय पर 30 प्रतिशत टैक्स, 10 प्रतिशत जुर्माना और 33 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा। मतलब यह हुआ कि अगर आपने खुद अपनी जो आय बताई उसका हिसाब नहीं दे पाए तो कुल रकम पर करीब 50 प्रतिशत टैक्स लगेगा। वहीं, अगर कोई शख्स खुद इस आय को घोषित नहीं करता है और आयकर विभाग इसका पता लगा लेता है तो 75 प्रतिश टैक्स और 10 प्रतिशत पेनल्टी लगेगी। यानी 85 प्रतिशत हिस्सा चुकाना होगा।
इस बारे में केंद्र सरकार के राजस्व सचिव हसमुख अधिया का कहना है कि ये टैक्स इसलिए जरूरी है ताकि लोग कालाधन जमा करने से डरें। हालांकि, अघोषित आय ईमानदारी से बता देने पर सरकार उसका स्रोत नहीं पूछेगी। ऐसे लोगों पर संपत्ति कर भी नहीं लगेगा। इसके अलावा दूसरे सिविल और टैक्स कानून भी नहीं लागू होंगे। हालांकि, फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट, मनी लॉन्डरिंग एक्ट, नारकोटिक्स और ब्लैकमनी कानूनों से छूट नहीं मिलेगी।
नए आयकर संशोधन विधेयक के तहत अगर कोई यह जानना चाहता है कि 10 लाख की अघोषित आय पर कितना टैक्स लगेगा तो इसमें से 30 प्रतिशत यानी 3 लाख रुपए टैक्स के रूप में जमा होंगे। 10 प्रतिशत यानी एक लाख रुपए पेनल्टी के रूप में जमा किए जाएंगे। 33 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा 30 प्रतिशत टैक्स पर यानी 3 लाख रुपए पर 99 हजार रुपए। इस तरह 10 लाख पर कुल टैक्स 50 प्रतिशत लगेगा। यानी 10 लाख में से 4 लाख 99 हजार रुपए बतौर टैक्स चुकाने होंगे।
इसी प्रकार से अगर कोई 20 लाख रुपये की अघोषित आय घोषित करता है तो उसे 9 लाख 98 हजार रुपए बतौर टैक्स चुकाने होंगे। इसी प्रकार से अगर कोई व्यक्ति एक करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय घोषित करता है तो उसे 49 लाख 90 हजार रुपए बतौर टैक्स चुकाने होंगे। बाकी बचे 50 लाख 10 हजार रुपये सफेद धन के रूप में बचा सकता है।
नए आयकर संशोधन विधेयक के तहत अगर आपने अपनी बेहिसाबी आमदनी सरकार को नहीं बताई और उसके बाद आयकर विभाग की छानबीन में पकड़े जाते हैं तो 10 लाख रुपये की रकम पर 75 प्रतिशत यानी 7 लाख 50 हजार रुपये टैक्स कट जाएगा। इसके अलावा 10 प्रतिशत यानी एक लाख रुपये पेनल्टी में चला जाएगा। इस तरह से 10 लाख में आपको 8 लाख 50 हजार रुपये चुकाने होंगे। लोगों के जेहन में एक सवाल यह उठ रहा है कि 25 प्रतिशत रकम का क्या होगा? खुद कालाधन घोषित करने पर 25 प्रतिशत रकम 4 साल के लिए फ्रीज हो जाएगी। उसके बाद 25 प्रतिशत रकम कालाधन जमा करने वाले को मिल जाएगी। 4 साल तक जमा 25 प्रतिशत रकम गरीब कल्याण योजना में इस्तेमाल होगी। योजना में गरीबों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा।
यह एक तरह से साफ है कि संसद के इसी सत्र में यह विधेयक पास हो जाएगा क्योंकि लोकसभा में सरकार बहुमत में है। चूंकि यह वित्त विधेयक (मनी बिल) है, इसलिए राज्यसभा भी इसकी समीक्षा करेगी, लेकिन वह इसे रिजेक्ट नहीं कर सकती। बावजूद इसके कि राज्यसभा में सरकार अल्पमत में है। विधेयक के उद्देश्यों के बारे में कहा गया है कि न्याय और समानता की दृष्टि से इस योजना में आई राशि का उपयोग सिंचाई, आवास, शौचालय, बुनियादी ढांचा, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य तथा आजीविका जैसी परियोजनाओं में किया जाएगा।
पहले से लागू आयकर विधेयक पर गौर करें तो स्वघोषित आयकर स्कीम के तहत 45 प्रतिशत टैक्स और जुर्माने का प्रस्ताव है। सरकार की ये स्कीम 30 सितंबर को बंद कर दी गई थी। कम जानकारी देने पर 50 प्रतिशत टैक्स और गलत जानकारी देने पर इस टैक्स पर 200 प्रतिशत जुर्माने के मौजूदा नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।