गडकरी ने संसद में पेश किया मोटर वाहन बिल
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महत्वपूर्ण मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2016 के लिए सभी राजनैतिक दलों से सहयोग मांगा। इस विधेयक को मंगलवार को संसद में पेश किया गया।
गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘मैंने सभी विपक्षी दलों से सहयोग मांगा है। प्रतिदिन 500 लोग मर रहे हैं। अगर हम अपने कानूनों में संशोधन नहीं करेंगे तो हम लोगों की जान बचाने में सक्षम नहीं होंगे। मैंने मौजूदा सत्र में ही सभी राजनैतिक दलों से इसे मंजूरी देने की अपील की है।’ गडकरी ने कहा कि उन्हें पार्टी लाइन से हटकर सभी राजनैतिक दलों से समर्थन मिलने की उम्मीद है क्योंकि भारत उन देशों में शामिल है जहां दुनियाभर में सर्वाधिक संख्या में लोगों की मौत दुर्घटनाओं में होती है। दुनिया भर में दुर्घटना में होने वाली पांच लाख मौतों में से अकेले डेढ़ लाख मौतें भारत में होती हैं।
मंत्री ने कहा, ‘विधेयक एक साल से लंबित है। राजस्थान के परिवहन मंत्री युनूस खान की अध्यक्षता वाली राज्यों के 18 परिवहन मंत्रियों की मंत्रिस्तरीय समिति ने इसके लिए सिफारिश दी है और कांग्रेस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक सभी के परिवहन मंत्री उसमें थे। हमने उनके सुझाव जो जनहित में हैं उसे स्वीकार कर लिया है।’ उन्होंने कहा कि विधेयक को संयुक्त चयन समिति को भेजने की बजाय उन्होंने सदस्यों से चर्चा करने और इसे पारित करने का अनुरोध किया है क्योंकि प्राथमिकता ‘लोगों की जान बचाने की है।’ इससे पहले लोकसभा में विधेयक को पेश करते हुए मंत्री ने दावा किया कि सड़क सुरक्षा न सिर्फ उनकी बल्कि अन्य सदस्यों की भी है और लोकसभा में विधेयक का शीघ्र पारित होना जरूरी है ताकि इसे मौजूदा सत्र के दौरान पारित करने के लिए इसे राज्यसभा में भेजा जा सके। संसद का मॉनसून सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।
जानिए! मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2016 को
बहुप्रतीक्षित मोटर यान संशोधन विधेयक 2016 में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावों में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रूपए तक का जुर्माना और हिट एंड रन मामलों के लिए दो लाख रूपए का मुआवजा शामिल हैं। सड़क दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में 10 लाख रूपये तक के मुआवजे का प्रावधान विधेयक में किया गया है। विधेयक के प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं और इसमें निर्धारित गति से तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने पर 1,000 से 4,000 रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार बीमा के बिना गाड़ी चलाने पर 2,000 रूपये का जुर्माना या तीन महीने की जेल हो सकती है। बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर 2,000 रूपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित हो सकता है। इस विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि किशोरों द्वारा वाहन चलाते समय सड़क दुर्घटना के मामले में वाहन मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जायेगा वहीं वाहन का पंजीकरण भी रद्द किया जाएगा। ऐसे मामले में 25 हजार रूपए का जुर्माना तथा तीन साल की सजा भी हो सकेगी।
यातायात के उल्लंघनों पर 100 रूपए के बदले 500 रूपए का जुर्माना होगा वहीं प्राधिकारों के आदेशों का पालन नहीं करने पर न्यूनतम जुर्माना 2000 रूपए का होगा। पहले यह राशि 500 रूपए थी। लाइसेंस के बिना वाहन के अनधिकृत उपयोग पर पांच हजार रूपए के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर जुर्माना एक हजार रूपए से बढ़ाकर 5000 रूपए कर दिया गया है। वहीं नशे में गाड़ी चलाने पर 10 हजार रूपए का जुर्माना होगा। ओवरलोडिंग की स्थिति में 20 हजार रूपए का जुर्माना होगा। सीट बेल्ट नहीं पहनने पर एक हजार रूपए का जुर्माना होगा।
मौजूदा मोटर यान कानून में 223 उपबंध हैं और विधेयक में 68 उपबंधों में संशोधन का प्रस्ताव है। विधेयक में 28 नए उपबंध शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। गडकरी ने कहा कि संशोधनों में सड़क सुरक्षा में सुधार, नागरिकों को सुविधा, ग्रामीण परिवहन को मजबूत बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर है। उन्होंने कहा कि सरकार दुर्घटनाओं और हताहतों की संख्याओं में 50 प्रतिशत तक की कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।