आजाद के नोटबंदी बयान को सरकार ने बताया 'राष्ट्रविरोधी'
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। दोनों सदनों की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। खासकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का बयान दोनों पक्षों की टकराव का कारण बना। आजाद ने नोटबंदी के कारण हो रही मौतों के लिए सरकार की गलता नीतियों को दोषी बताते हुए इसकी तुलना उरी अटैक से की।
गुरुवार को जैसे ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ हुई, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार को नोटबंदी मामले पर घेरना शुरू कर दिया। आखिरकार काफी शोर शराबे के बीच कार्यवाही को एक दिन के लिए स्थगित करना पड़ गया। लोकसभा में प्रश्नकाल भी हंगामे के बीच संपन्न हो पाया।
गुलाम नबी का बयान
राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद के एक बयान ने सत्ताधारी दल को उन्हें घेरने का मौका दे दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'सरकार की गलत नीति से जितने लोग मर गए हैं, उससे आधे तो पाकिस्तानी आतंकियों ने उरी हमले में नहीं मारे थे। जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में चर्चा के लिए नहीं आएंगे, हम लोग सदन की कार्यवाही को नहीं चलने देंगे।’आजाद ने कहा कि नोटबंदी के फैसले की वजह से 40 लोगों की मौत हो गई है।
माफी की मांग
इसी बयान पर सत्ताधारी पार्टी ने आपत्ति दर्ज कराई उन्होंने गुलाम नबी की इस टिप्पणी को राष्ट्रविरोधी और शहीदों का अपमान बताया। साथ ही इस बयान को राज्यसभा के आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने की अपील करते हुए आजाद से भी देश से माफी मांगने को कहा। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने इस टिप्पणी को आपत्तिजनक, राष्ट्रविरोधी और शहीदों का अपमान करने वाला बताया।
अनंत कुमार ने कहा कि ऐसे बयान निंदनीय हैं इसलिए हम गुलाम नबी से बिना किसी शर्त देश से माफी मांगने को कह रहें हैं। उन्होंने इसे कांग्रेस की निराशा का फल बताया। अंनत के मुताबिक आजाद ने ऐसा बयान दे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का समर्थन किया है। या बयान ना सिर्फ आम जनता बल्कि हमारे सैनिकों का मनोबल भी गिराने वाला है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के आज राज्यसभा में दिए बयान से हैरान और आश्चर्यचकित हूं। गुलाम नबी आजाद एक जिम्मेदार नेता है। उन्होंने बड़ी भूल की है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। वो पाकिस्तान का प्रचार कर रहे हैं। हम सबकी मदद करना चाहते हैं और पूरी कोशिश कर रहे हैं।
माफी नहीं मांगेगे आजाद
कांग्रेस ने कहा है कि राज्यसभा में नोटबंदी पर दिए बयान के लिए गुलाम नबी आजाद माफी नहीं मांगेंगे, उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा। भाजपा द्वारा गुलाम नबी आजाद के माफी की मांग पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि आजाद जी को माफी क्यों मांगनी चाहिए। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है।
इन सब हालातों के बीच नजर शुक्रवार की कार्यवाही पर है। जिसके हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। जहां एक तरफ सत्ताधारी पक्ष बिन पैसे मौत और उरी हमले को लेकर विवादित बोल में सरकार गुलाम नबी से माफी की मांग पर अड़ा है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के नेता भी प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग पर अड़े हैं। मतभेद और भी हैं। गुरुवार को कार्यवाही शुरु होते ही विपक्षी सदस्य सदन का कार्य स्थगित करके तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है हालांकि विपक्षी दल कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे। इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, अन्नाद्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।